ध्यान हमारे लिए क्यों जरूरी है ?
महात्मा गाँधी जी का कथन है :- “दिन के एक घंटे की प्रार्थना द्वारा मुझे दिन के बाकी है तेईस घण्टों में ठीक प्रकार कार्य करने की शक्ति प्राप्त होती है।”
कैसे सुनें दिव्य संगीत ?
यदि इस भूमंडल पर मनुष्य द्वारा बोली जाने वाली सभी भाषाओं की अभिव्यक्ति करने वाली उच्चतम शब्द शक्तियां चुन ली जायें तब भी प्रकृति के इस आधारभूत सिद्धान्त की व्याख्या नहीं हो सकेगी।
जब यह संगीत पूर्ण गुरु के शिष्य द्वारा अन्तर्हदय में सुना जाता है तो वह मोहित, भावविभोर में एवं परम आनन्द से भरपूर हो जाता है। कभी-कभी तो साधक से कई घंटों तक समाधि अवस्था में ही रहता है।