क्या है अनहद नाद – सत्पुरुषों की रहस्यमयी वाणी 

अनहद नाद के बारे में सत्पुरुष अपनी वाणी में कथन करते हैं – सत्पुरुष फ़रमाते हैं कि आँखें, कान और मुख बंद करके अंतर में अनहद शब्द सुनने से वह शब्द तुम्हारी सुरति को पिण्ड देश से निकालकर ब्रह्मांड की सैर करवा देगा। अंतर के कपाट खुल जाने से हृदय रोशन हो जाएगा। किन्तु ये … Read more

श्री गुरु-वंदना

श्री गुरु-वंदना ॥दोहा॥ सतगुरु सिमरे से सुखी, महा सुखी तिहुँ काल । एक दृष्टि गुरु की पड़े, पल में होय निहाल ॥ जन्म जन्म से भटक कर, पड़ा शरण चरणार । गुण अवगुण देखे नहीं, सतगुरु बख्शनहार ॥ तुमरी महिमा को प्रभु, किस मुख से हम गावै । अल्पबुद्धि हम जीव प्रभु, अंत कहाँ से … Read more

श्री गुरु महिमा

॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरणन नमन करूँ, कोटि कोटि प्रणाम । जिनकी किरपा प्रताप से, पूरण हों सब काम ॥ गुरु मूरत के ध्यान से, कटें कोटि अपराध । धारें हृदय ऋषि मुनि, साधुन प्रीति अगाध ॥ ॥चौपाई॥ श्री परमहंस गुरुदेव स्वामी । पारब्रह्म युग पुरुष अनामी ॥ होय प्रकट कलि के युग अंदर … Read more

मनुष्य शरीर किसका द्धार ?

सभी का एक ही सन्देश मनुष्य शरीर – सभी सन्त-महापुरुष उस परमात्मा का एक ही सन्देश देते हैं। वे एक ही उपदेश, एक ही सत्य ज्ञान का प्रचार करते हैं। उनका उपदेश है कि परमात्मा मूलतः एक ही है और हमारी आत्मा उसी परमात्मा की अंश है। हम जन्म-मरण के चक्र से केवल तभी छूट … Read more

श्री दर्शन ! prabhu darshan kyu jruri hai ?

श्री दर्शन से साधक का हृदय प्रकाशित हो उठता है श्री दर्शन-हर सच्चा प्रेमी, हर भक्त, हर सेवक अपने सद्गुरु के दिव्य दर्शनों की महिमा भाव-विभोर हो गाता है। पुर्ण सद्गुरु के स्वरूप से देदीप्यमान किरणें प्रस्फुटित होती हैं, जो सूर्य के सदृश ज्योतिर्मय हैं तथा चन्द्रमा सदृश शीतल है। उनके सारगर्भित प्रवचन सूर्य के … Read more

भजन-अभ्यास और ध्यान

भजन-अभ्यास और ध्यान का अर्थ है, मन को नाम सुमिरण में लगाकर समस्त विचार शक्ति को अपने इष्टदेव पर एकचित्त हो केन्द्रित करना। समस्त शान्ति व आनन्द दिव्य नाम के सुमिरण में है। जो सद्गुरु असीम कृपा कर जिज्ञासु को बख्श देते हैं।  सद्गुरु के आदेशानुसार भजन-अभ्यास, नाम-सुमिरण करने से जीव निहाल हो जाता है। … Read more

सत्संग का प्रभाव

सत्संग का प्रभाव महान् है जो भी सत्संग-महापुरुषों के वचन सुनता है, मनन करता है और उनपर अमल करता है उसका जीवन सफल हो जाता है। वह आत्मिक उन्नति की ओर निरन्तर बढ़ता है। महापुरुषों के वचन जीव के मन पर गहरी छाप छोड़ जाते हैं, जिनके प्रभाव से जीव का आत्म कल्याण होता है। … Read more

निष्काम सेवा का महत्व क्या है ?

परमात्मा की ओर ले जाने का सबसे सहज यही साधन है। निष्काम सेवा से मालिक प्रसन्नता उतरती है व जीव उनके अलौकिक रूप का दर्शन । कर निहाल हो जाता है। निम्नलिखित कथा से इस तथ्य का स्पष्टीकरण होता है प्राचीनकाल में राजा चोला तामिलनाडू प्रदेश पर राज्य कर रहे थे। उस समय की राजधानी तान्जुवर … Read more

प्रार्थना का महत्व क्या है?

एक बार भगवान् श्री कृष्ण ने अपने सखा अर्जुन को प्रार्थना का महत्व दर्शाना चाहा। अर्जुन हैरानी से बोला, “मेरा ख्याल है आपको गलती लग रही है ये पाण्डु पुत्र अर्जुन द्वारा अर्पित किये फूल होंगे।” उस व्यक्ति ने कहा- “नहीं, नहीं। ये भीम की ही भेंट है। वह अटूट श्रद्धा, लगन व एकचित्त होकर … Read more

निष्काम सेवा सबके लिए क्यों जरूरी है ?

निष्काम सेवा मनुष्य देह के प्रत्येक अंग-नेत्र, कान, हाथ, पैर तथा मन सब पूर्ण रूपेण मालिक की सेवा में लगाने चाहिए। जिससे अन्तरात्मा शुद्ध हो जाती है। जब हम अपने सद्गुरु तथा सन्त-महापुरुषों की सेवा करते हैं तो हमारा हर कर्म पवित्र और निष्काम होता है, जो हमें कर्म-बन्धन से रहित करता है। निष्काम सेवा … Read more

प्रार्थना का अर्थ- हमे बार-बार प्रार्थना क्यों करनी जरूरी है 

प्रार्थना का अर्थ प्रार्थना का अर्थ – मालिक की मौज में समर्पित प्रार्थना ईश्वर से मिलने के लिए याचना है। वे आँखें धन्य हैं जिनमें से प्रभु प्रियतम की याद में आँसू के मोती झरते हैं। ईश्वर के समीप लाती है back to आनंद संदेश

क़ामिल मुर्शिद शायरी ! kamil murshid shayri in hindi

क़ामिल मुर्शिद शायरी – मेरे दिल में दिल का प्यारा है मगर मिलता नहीं ।  क़ामिल मुर्शिद शायरी मेरे दिल में दिल का प्यारा है मगर मिलता नहीं ।  हर शै में उसका नज़ारा है मगर मिलता नहीं ॥  ढूँढता फिरता हूँ उसको दर-ब-दर और कूब्कू ।  हर जगह वो आश्कारा है मगर मिलता नहीं … Read more