हउमै की आग में जिसने स्वयं को है जारा- कविता

1. हउमै की आग में जिसने स्वयं को है जारा खोकर सुख व चैन फिरता वह मारा मारा । मालिक के वचनों पर जिसने सर्वस्व वारा । छुटकारा पा गमों से जीवन उसने सँवारा । 2. तलबगार है अगर तू सतगुरु की मेहर का । तो देना होगा दिल से सारी हउमै को मिटा । … Read more

सतगुरु जी ने राग द्वेष का परदा दूर किया

कविता- सतगुरु जी ने राग द्वेष का परदा सतगुरु जी ने राग द्वेष का परदा दूर किया । कर इनायत ज्ञान की रोशनी से भरपूर किया । दर्शन की प्यासी आँखों को अपना सरूर दिया । चढ़ा नाम की मस्ती प्रेम के नशे में चूर किया । 2. इन्द्रियां विषय भोगों से सहज ही हो … Read more

सतगुरु सदैव अंग संग हैं

सतगुरु सदैव अंग संग हैं सद्गुरु को सदा अंग संग समझना ही रूहानियत का सर्वश्रेष्ठ गुण है। जिस प्राणी में यह गुण परिपक्व हो जाता है, वह पाप कर्मों से बचा रहता है। एक छोटा सा दृष्टांत है- एक बार किसी सन्त ने अपने सेवक को एक पक्षी दिया और उसे हुकम किया कि इसे … Read more

ETERNAL JOY – Why have they not obtained joy yet?

ETERNAL JOY Joy is an invaluable gift given by God to every human. It is the true and natural state of the soul. However, humanity has lost and forgot this state by indulging itself in the materialistic world, worldly relations, and sensual pleasures. It has been seen that humans wander from town to town, country … Read more

सत्य की राह – सच की नाव हिले ,पर कभी न डूबे।

सत्य की राह सुखमनी साहिब में वर्णन आया है जिस के अंतरि बसै निरंकारु ॥ तिस की सीख तरै संसारु ॥ जिसके मन में कर्ता धर्ता परम पिता परमेश्वर का वास होता है उसके द्वारा दर्शाए गए मार्ग पर चलकर दुनिया राहत व चैन प्राप्त करती है। जिन्हें गुरु दरबार की बैठक मिली है और … Read more

BHAKT GATHA – BHAKT AMBADAS JI

BHAKT AMBADAS JI Bhakt Ambadas Ji was a devotee of Lord Shri Ram. Lord‟s divine form had found a place in the core of his heart right from childhood. He had unshakeable faith that one day he shall attain the holy vision of the Lord in His radiant form. Love for Lord Shri Ram completely … Read more

पुस्तकों से ज्ञान

पुस्तकों से ज्ञान

॥ कविता ॥ – पुस्तकों से ज्ञान पुस्तकों से ज्ञान कितना भी कर लो अर्जित,सब थोथा है, पूरे सतगुरु बिना ।केवल गुरु ही हैं सच्चे ज्ञान के दातार भण्डार,आकर चरणों में उनके अज्ञानता ले मिटा । गुरु द्वार आकर ले तालीम सच्चे ज्ञान की,धार गरीबी मन में ले दात पावन नाम की।आलस्य को त्याग, कर … Read more

कथनी और करनी

कथनी और करनी

॥ कविता ॥ – कथनी और करनी का भेद अड़सठ तीरथ कर ले चाहे काशी और हरिद्वार,पढ़ ले पुराण अठारह, सभी शास्त्र व वेद चार ।तुला दान, गो दान, सब कर ले कर्म अपार,मन से किए कर्म ये सारे, बढ़ाते हैं अहंकार । केवल कथा साथ न दे, कर करनी पर विचार,बिना किए मिले न … Read more

अनहद नाद

अनहद नाद

॥ कविता ॥ – अनहद नाद गुरु किरपा से अनहद की जिसने सुनी आवाज़ ।सहजे ही सब हो गए उस के पूर्ण काज ॥माया नहीं सकती उस शख्स का कुछ बिगाड़ ।सतगुरु के शब्द की जिस ने ली है आड़ ॥ कोई कोई विरला प्रेमी ही अनहद नाद सुन पाए ।कर विश्वास जो गुरु वचनों … Read more

झूठा धन

॥ कविता ॥ – झूठा धन झूठा धन समर्पित करके,ले सतगुरु से सच्चे नाम का धन । मिले उसे दो जहानों की दौलत,करे गुरु को जो तन मन अर्पण । अपना अस्थिर मन दे सतगुरु को,उनसे स्थिर शांत मन ले लो। करके अपना सर्वस्व समर्पित,अनामी अटल शाश्वत पद ले लो। महबूब नहीं मिलेगा मोलक्यों बाज़ारों … Read more

अमृत पैदा होता है

॥ कविता ॥ – अमृत पैदा होता है अमृत पैदा होता है सतगुरु के शब्द से,अमर हो जाता है वह जो कोई इसको चख ले । कोई भाग्यशाली ही इस बूंद का रसपान करे,रह हुकम में गुरु की आज्ञा को जो है शीश धरे । जो शिष्य सतगुरु के वचनों पर अडिग रहते नहीं, उन … Read more

हरदम हंसता रह

॥ कविता ॥ हरदम हंसता रह, शुक्र कर हर हाल में,हुकम में ही सब खुशियां समाई हैं राज़ी रहता उसकी रज़ा में जो शख्स,होती दरगाह में उस कीउस की रसाई है। हरदम शुक्र कर मालिक के दर पर आ,शुक्र वाले को नहीं रहता कोई भी खटका । विश्वास जिसका अडिग है आँच न आने पाए,रह … Read more