श्री परमहंस दयाल जी का जीवन चरित्र

जीवन चरित्र – श्री परमहंस दयाल जी का श्री परमहंस दयाल जी त्याग, तप, तितिक्षा, दया, क्षमा, उदारता, निस्पृहता, फक्कड़पन, निर्भीकता की साक्षात् मूर्ती जब भी श्री परमहंस दयाल जी महाराज का अनुस्मरण होता है तब उनके रूप में त्याग, तप, तितिक्षा, दया, क्षमा, उदारता, निस्पृहता, फक्कड़पन, निर्भीकता एवं ‘निर्मानमोहा जितसंगदोषा अध्यात्मनित्या विनिवृत्तकामाः’ के प्रतीक … Read more

श्री परमहंस दयाल जी के आत्मा को छूने वाले जबरदस्त – पांच इर्शाद

पांच इर्शाद पांच इर्शाद => खुदा की बंदगी करो, वरना उसकी दी हुई रोटी मत खाओ। => ख़ुदा की रजा और उसकी दी हुई रोज़ी में राजी रहो, वरना दूसरा खुदा ढूंढ़ो जो तुमको ज्यादा दे। => जिस बात के करने को ख़ुदा ने मना किया है उससे बाज आओ, वरना उसके मुल्क से बाहर … Read more

पूजा के फूल

पूजा के फूल – आराधन, श्री गुरु महिमा ,प्रातः श्री आरती , सायं श्री आरती पूजा के फूल Shri Guru Mahima in pdf Shri Guru Mahima in Audio or video Shri Morning Aarti – ( श्री सुबह की आरती ) video Shri Evening Aarti ( श्री संध्या आरती करने के लिए) video Other Posts आनंद … Read more

प्रश्न उत्तर आध्यात्मिक

प्रश्न उत्तर कौन सा मार्ग सुगम है? भक्ति मार्ग बहुत सुगम है। इसमें कोई कठिनाई नहीं। जिस दिन से आरम्भ करो उसी दिन से यह सुखदायी है, दुःख का लेशमात्र भी नहीं। विरह में भी अजीब आनन्द है जिसको विरही ही जानते हैं। इसमें न कोई विशेष साधन है और न कोई खास सामग्री। ऐसा … Read more

Shri Guru Mahima in pdf

श्री गुरु महिमा Shri Guru Mahima in pdf Shri Guru Mahima in Audio or video Shri Morning Aarti – ( श्री सुबह की आरती ) video Shri Evening Aarti ( श्री संध्या आरती करने के लिए) video आनंद संदेश माँ की महिमा

SSDN – Shri Morning Aarti video

Shri Morning Aarti – ( श्री सुबह की आरती ) Shri Morning Aarti – ( श्री सुबह की आरती ) आनंद संदेश Shri Evening Aarti ( श्री संध्या आरती करने के लिए ) Shri Guru Mahima – SSDN माँ की महिमा

देखो ! कितने प्रेम से नाच रही है इक बच्ची…मेरे सतगुरु प्यारे दा दरबार बड़ा सोहना है भजन

कौन कहता है कि आजकल के बच्चे परमात्मा से नहीं जुड़े ..देखो कितने प्रेम से नाच रही है इक बच्ची… आनंद संदेश माँ की महिमा

सतगुरु शब्द उलंधि कर

सतगुरु शब्द उलंधि कर- सद्गुरु के दरबार में कितने ही किस्म व संस्कारों के लोग आते हैं। जिनके संस्कार ऊँचे होते हैं वे हुकम के पाबन्द रहकर सद्गुरु की कृपादृष्टि प्राप्त कर लेते हैं। परन्तु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हुकम की अवहेलना करके अपने बहुमूल्य समय को आलस्य एवं व्यर्थ के वाद … Read more

भक्त जोगासिंह

एक दृष्टांत है- भक्त जोगासिंह जब छोटा था तो अपने पिता जी के साथ दशम पादशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के दर्शन हेतु जाया करता था। एक दिन गुरु साहिब जी द्वारा नाम पूछे जाने पर उसके पिता जी ने बताया कि इसका नाम जोगा है। गुरु साहिब जी ने फ़रमाया कि जोगा तो … Read more