सूर्य नमस्कार करने के तरीके

सूर्य नमस्कार प्रणामासन विधी: पहले सीधे खड़े हो जाएँ। फिर दोनों हाथों को कंधे के समानांतर उठायें। दोनों हथेलियों को ऊपर की ओर ले जाएँ। हथेलियों के पृष्ठ भाग एक-दूसरे से चिपके रहें। फिर उन्हें उसी स्थिति में सामने की ओर लाएँ। तत्पश्चात नीचे की ओर गोल घुमाते हुए नमस्कार की मुद्रा में खडे हो … Read more

जय सच्चिदानंद जी का अर्थ | jai sachidanand ji

जय सच्चिदानंद जी जय सच्चिदानंद जी जो जगत् की उत्पत्ति, स्थिति और विनाश के हेतु हैं, तथा जो तीनों प्रकार के ताप के नाशकर्ता हैं, उन सच्चिदानन्दस्वरूप भगवान् श्रीकृष्ण को हम सब वंदन करते हैं। परमात्मा के तीन स्वरूप- सत्, चित् और आनन्द का वर्णन परमात्मा के तीन स्वरूप शास्त्रों में कहे गये हैं- सत्, … Read more

रहमतां गुरुमहाराज दीयाँ lyrics in hindi

भजन – रहमतां गुरुमहाराज दीयाँ lyrics रहमतां गुरुमहाराज दीयाँ,बदला वागूं बरस रहियाँ-२,श्री चरणाँ विच आकें संगता-२,तर गईयाँ-३, प्यारे-२,स्वामी जी नें,सोहणां करम कमाया-२,सच्चे नाम दा बूटा स्वामी जी,इस दुनियाँ ते लाया-२,नाम दीयाँ मिठियाँ खुशबाँ-२,हर नस-२ विच वस गईयाँ-२,रहमतां गुरुमहाराज दीयाँ,बदला वागूं बरस रहियाँ-२, हर दिल अन्दर वास जिन्हाँ दा,श्री महाराज जी प्यारे-२,करकें नज़राँ मेंहर दीयाँ,सबकें काज … Read more

सिमरण की आदत कैसे डालें

सिमरण की आदत सिमरण से आत्मा की शक्ति उजागर होती है। जितना हो सके सिमरन करो। यह नकरात्मक शक्तिओं से बचाता है। तन और मन दोनों को स्वास्थ्य रखता है। जीवन में सही मार्गदर्शन मिलता है। सिमरन द्वारा हमें अपनी आत्मिक और अन्दरूनी शक्तिओं का बोध होता है। सबके प्रति परोपकार की भावना पैदा करता … Read more

जब ध्यान न लगे, तब हम क्या करें

—— जब ध्यान न लगे, तब हम क्या करें —— एक बार संत कबीर साहब जी का एक शिष्य उनसे मिलने आया। उसके चेहरे पर गहरी उदासी साफ दिख रही थी। वो मुरझाया हुआ चेहरा लेकर कबीर जी को प्रणाम करके वहां बैठ गया। कबीर जी ने उससे उसकी मायूसी का कारण पूछा। शिष्य ने … Read more

एक सुंदर कविता,जिसके एक-एक शब्द बार-बार पढ़ने को मन करता है

एक सुंदर कविता ख़्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की….आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है…. अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे,जिसकी जितनी जरूरत थी..उसने उतना ही पहचाना मुझे… जिन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है,शामें कटती नहीं और साल गुजरते चले जा रहे हैं… एक अजीब सी ‘दौड़’ है ये … Read more

मेरे सतगुरु आ जाओ

रूहानी टप्पे – मेरे सतगुरु आ जाओ मेरे सतगुरु आ जाओ-२,अँखियाँ तरस रहियाँ,आकें दर्श दिखा जाओ-२, सत्संग विच आ जाओ-२,भुलें होये लोंकां नूँ,सच्चा रस्ता दिखा जाओ-२, मंगा प्रेम दी भक्ति ऐ-२,मेरे साहिब दी ‘वाणीं’ अमृत लगदी ऐ-२, दाता ठण्डी-ठण्डी छाँ देना-२,मेरे साहिब जी,मैनूँ चरणाँ च थाँह देना-२, असीं उड्-उड् काँ देखें-२,दर्शन कर गुरां दें,सब दुख … Read more

हर बन्दें दीं आवाज विच ओ आप बोलदां

हर बन्दें दीं आवाज विच ओ आप बोलदां 💐💐💐💐💐 हर बन्दें दीं आवाज विच, ओ,आप बोलदां-२,हर पंछीं दीं,परवाज़ विच,ओ,आप बोलदां-२,हर रुहं विच मौज़ा माणंदा-२,मेरा बाबा नानक,सबनाँ दें दिल दीयाँ जाणंदा,मेरा बाबा नानक-२,मेरा बाबा नानक,मेरा बाबा नानक-२, कि,राजा,कि,भिखारी, ओहदीं सारियाँ दें नाल यारीं-२,ओहनूँ मिल जान्दां ऐ अपणें तों,जिन्हें अंदर झाँकीं मारीं,साढ़ीं सोच तें रमज़ पछान्दां-२,मेरा बाबा … Read more

योगासन | योग आसन | yoga asanas in Hindi

शीर्षासन योगासनों में शीर्षासन को सबसे अच्छा माना गया है। इस आसन को कई नामों से जाना जाता है जैसे- विपरीतकरणी, कपालासन व वृक्षासन शीर्षासन के नाम है। यह आसन अत्यंत प्रसिद्ध व लाभकारी आसन है। 84 लाख आसनों में रोगों को दूर करने वाले जितने गुण होते हैं, वे सारे गुण केवल अकेले शीर्षासन … Read more

PRIMARY DUTY

PRIMARY DUTY This world is full of variety of people of varying ages. Everyone has their own views about life and their duties in this lifetime. As one’s age increases, one’s interests and worldly duties also change. In one age of his life, human being says that running businesses or going to jobs is his … Read more

सेवा-समर्पण का पर्व है गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा का सनातन परम्परा में गुरु का बहुत महत्व है। गुरु का आशीर्वाद ही कल्याणकारी एवं ज्ञानवर्धक समझा जाता है। चारों वेदों के व्याख्याता व्यास ऋषि थे। हमें वेदों का ज्ञान देने वाले व्यास जी ही हैं। इसी कारण वे हमारे आदि गुरु हुए। विद्वानों का कथन है कि व्यास जी की … Read more

Guided Meditation in hindi ! सुमिरण और ध्यान कैसे करें

Guided Meditation – सुमिरण ध्यान करने की सटीक विधि Guided Meditation in hindi बैठ कर एकांत में योगी, मन इन्द्रियों को वश करे । भय कामना सभी त्याग कर, परमेश्वर का ध्यान धरे ॥ कुशा हो अथवा मृगछाला, उसके ऊपर वस्त्र बिछावे । समतल स्वच्छ एकांत भूमि में, आसन योगी बनावे ॥ मन स्थिर कर … Read more