PRAYER

PRAYER God is Fountain head of bliss, Him in life may never we miss. Let us see Him in one and all, In every creature, great or small; He is abiding with us always, „Far off from us He is‟ who says? Surrendering reason, fancy, whim, Let us devote ourselves to Him. Only panacea for … Read more

समय का सदुपयोग कैसे करें ?

जीव यहां परमात्मा द्वारा प्रदान की गई स्वांसों की पूँजी को व्यय करने के लिए आया है। समय का सदुपयोग – अवधि समाप्त हो जाने के पश्चात् प्रत्येक प्राणी को यहां से जाना है। यह उसका वास्तविक ठिकाना नहीं। इसलिए बुद्धिमान वही है जो समय रहते हुए समय का पूरा लाभ उठाकर आगे की यात्रा … Read more

POWER OF MEDITATION

POWER OF MEDITATION

POWER OF MEDITATION A Wise Saint was meditating while sitting under a tree Once, a Wise Saint was meditating while sitting under a tree. Suddenly, he saw a lumberjack cutting down the trees. On the first day, although the Saint saw the lumberjack, he did not talk to him. On the second day again, the … Read more

समय की सार्थकता

समय की सार्थकता - कविता

॥ कविता ॥ समय की सार्थकता 1. बाजी जीत कर जगत से खुश होकर वह जाए । समय को जो मालिक की भजन बन्दगी में लगाए। छोड़कर झूठी ममता को वह मालिक से जुड़ जाए। रसना को कर लीन शब्द में गुणवाद प्रभु के गाए ।। 2. जन्म लिया जिस ने जहान से वह जाएगा … Read more

अमूल्य स्वांस – तुम्हारे स्वांस कहाँ खर्च हो रहे हैं?

अमूल्य स्वांस

परमसन्त श्री कबीर साहिब जी अमूल्य स्वांस – परमसन्त श्री कबीर साहिब जी कपड़ा बुनने का काम करते थे। एक दिन उन्होंने अपने परिवार से कहा अब मुझसे संसार का यह झूठा धंधा नहीं होता। वे कहा लगे कि सुबह जो तानी से नली को निकालने के लिए फूंक देनी पड़ती है, मेरा वह स्वांस … Read more

आत्मज्ञान कैसे होता है ?

आत्मज्ञान – महापुरुषों के वचन हैं कि निद्रा भोजन भोग भय, ये पशु पुरुष समान । नरन ज्ञान निज अधिकता, ज्ञान बिना पशु जान ॥ अर्थात् नींद करना, भोजन खाना, परिवार की वृद्धि करना, शत्रु के भय से स्वयं को बचाना-ये सब समझ तो पशु और पुरुष में समान है। इन्सान की बढ़ाई यह है … Read more

हक है सिर्फ हुकम मानने का

॥ भजन ॥ तर्ज़ – इक परदेसी मेरा दिल…. टेक – मेरा काम नहीं कुछ सोचने का, हक है सिर्फ हुकम मानने का । 1. हानि लाभ को नहीं पहचानू , कल क्या होगा कुछ नहीं जानू  । मेरे गुरु को ही रहता सब पता, हक है… 2. मेरी नज़र तो सिर्फ जिस्मानी,सतगुरु जानते हैं … Read more

गुरुमति धारण करो

गुरुवाणी में वर्णन आया है सबदि मरहु फिरि जीवहु सद ही ता फिरि मरण न होई ।। अंम्रितु नामु सदा मनि मीठा सबदे पावै कोई । सदा जीवित कौन रहते है वर्णन करते हैं कि जो अपने आपको शब्द में मिटा देते हैं वे सदा ही जीवित रहते हैं। जो नाम का मीठा अमृत पी … Read more

क्या है अनहद नाद – सत्पुरुषों की रहस्यमयी वाणी 

अनहद नाद के बारे में सत्पुरुष अपनी वाणी में कथन करते हैं – सत्पुरुष फ़रमाते हैं कि आँखें, कान और मुख बंद करके अंतर में अनहद शब्द सुनने से वह शब्द तुम्हारी सुरति को पिण्ड देश से निकालकर ब्रह्मांड की सैर करवा देगा। अंतर के कपाट खुल जाने से हृदय रोशन हो जाएगा। किन्तु ये … Read more

श्री गुरु-वंदना

श्री गुरु-वंदना ॥दोहा॥ सतगुरु सिमरे से सुखी, महा सुखी तिहुँ काल । एक दृष्टि गुरु की पड़े, पल में होय निहाल ॥ जन्म जन्म से भटक कर, पड़ा शरण चरणार । गुण अवगुण देखे नहीं, सतगुरु बख्शनहार ॥ तुमरी महिमा को प्रभु, किस मुख से हम गावै । अल्पबुद्धि हम जीव प्रभु, अंत कहाँ से … Read more

श्री गुरु महिमा

॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरणन नमन करूँ, कोटि कोटि प्रणाम । जिनकी किरपा प्रताप से, पूरण हों सब काम ॥ गुरु मूरत के ध्यान से, कटें कोटि अपराध । धारें हृदय ऋषि मुनि, साधुन प्रीति अगाध ॥ ॥चौपाई॥ श्री परमहंस गुरुदेव स्वामी । पारब्रह्म युग पुरुष अनामी ॥ होय प्रकट कलि के युग अंदर … Read more