Types of massages
Types of massages
आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में आप चाहती हैं आराम के दो पल। हम यहां आप को कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिन के जरीए आप अपने शरीर को इन पलों में पूर्ण आराम दे सकेंगी।
फिश थेरैपी
फिश थेरैपी भारत में कुछ अरसा पहले ही आई है। इस के बारे में सुन कर आप के दिमाग में अजीबोगरीब विचार आ रहे होंगे, लेकिन आप विचारों में न उलझिए, क्योंकि फिश थेरैपी पैरों की मृत त्वचा को अलग कर पैरों को आराम देने और उन्हें खूबसूरत बनाने का एक नया तरीका है।
इस में पैरों को गररा रूफा प्रजाति की मछलियों से भरे टब में डुबोया जाता है। ये तुर्की की खास मछलियां हैं, जो मृत त्वचा को खा लेती हैं।
ये आप को हलकी सी चुभन के साथ आराम का भी एहसास कराती हैं। इन दांतरिहत मछलियों के अटैक के बाद यह एहसास होगा कि पैरों में जान आ गई है। बस इस के बाद पैडीक्योर और फुट मसाज लें ताकि प्रैशर प्वाइंट्स के जरीए भी आराम मिल सके।
बैंबू मसाज
20 मिनट की नींद के बाद आप को बैंबू मसाज के लिए जगाया जाता है। बांस का नाम सुन कर घबराने की जरूरत नहीं है।
इस में शरीर की अच्छी तरह मसाज कर के उस के ऊपर बांस की गोल छड़ों को रोल किया जाता है ताकि मांसपेशियों को आराम मिल सके। बांस की छड़ों को कुछ समय गरम पानी में रखने के बाद उपयोग में लाया जाता है।
वाइन फेशियल
पूरे शरीर का वजन उठाने वाले पैरों को आराम देने के बाद आप चेहरे की अनदेखी कैसे कर सकती हैं। अगर आप की त्वचा तैलीय है, तो वाइन मसाज आप के लिए ही है।
इस की क्लींजिंग, स्क्रबिंग और मसाज बिलकुल अलग अनुभव होगा। मसाज के दौरान चेहरे पर वाइन क्रीम के ग्रैन्यूल्स यानी छोटे-छोटे दानों को भी आप महसूस कर पाएंगी। सारी प्रक्रिया के बाद 20 मिनट तक पैक लगाए रखने के दौरान ली गई नींद सुकून को चरम देने के लिए काफी है।
कैंडल मसाज
इस में बॉडी मसाज के लिए तेल और खुशबूदार स्पा कैंडल का प्रयोग होता है। सोयाबीन कैंडल को पिघला कर उस में पौधे से बना ऑयल मिलाते हैं। इस के बाद इसे लोशन जैसा चिकना कर बॉडी परलगाया जाता है। फिर उचित स्ट्रोक के साथ प्रैशर प्वाइंट्स पर दबाव देते हुए मसाज की जाती है।
प्रैग्नेंसी मसाज
गर्भवती महिलाओं में पीठ का दर्द और तनाव जैसी समस्याओं में बढ़ोतरी के कारण प्रैग्नेंसी मसाज करवाने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस में बटक मसाज, थाई मसाज व बैक मसाज होती है।
मसाज ऑर्गैनिक ऑयल व माइश्चराइजर का प्रयोग कर के हलके हाथों से की जाती है। लेकिन यह मसाज फिजियोथैरेपिस्ट या अपने डॉक्टर की सलाह ले कर करवाएं। इस से डिलीवरी के दौरान मांसपेशियों पर पड़ने वाले दबाव को सहन करने की शक्ति भी मिलती है।
मसाज आप को आराम देने के साथ ही शरीर में खून के संचार को भी बढ़ा देती. है, जिस से आप खुद को पहले से ज्यादा तरोताजा महसूस करेंगी।