Taapsee Pannu biograpghy in hindi | तापसी पन्नू जीवन परिचय

Taapsee Pannu biograpghy in hindi ( तापसी पन्नू जीवन परिचय )

Taapsee Pannu biograpghy

एक दशक पहले तमिल तथा तेलुगु फिल्मों से अपना एक्टिंग करियर शुरू करने वाली तापसी पन्नू ने फिल्म ‘चश्मे बटूर’ के साथ बॉलीवुड में कदम की सबसे व्यस्त रखे थे। दमदार एक्टिंग के बूते पर आज यह बॉलीवुड के अभिनेत्रियों में से एक है और उसकी झोलो कुछ बड़ी फिल्मों से भरी है।

इनमें शाहरुख खान के साथ फिल्म ‘डंको’ से लेकर ‘फिर आई हसीन दिलरुबा शामिल है। हाल ही में तापसी पन्नू ने बताया कि वह हर महीने अपने डाइटीशियन पर 1 लाख रुपए खर्च करती है। इतना ही नहीं, अक्सर इस बात को लेकर उसकी अपने माता-पिता से बहस भी हो जाती है।

Taapsee Pannu biograpghy

उपनाम मैगी ,क्लैम-डॉल, और गॉडेस ऑफ़ फ्लॉप हीरोज
व्यवसायअभिनेत्री
लम्बाईसे० मी०- 165
मी० 1.65
फीट इन्व-5’4″
आँखों का रंग भूरा
बालों का रंगकाला
जन्मतिथिजन्मतिथि
1 अगस्त 1987 (शनिवार)
जन्मस्थान नई दिल्ली, भारतनई दिल्ली
राशिसिंह (Leo)
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरलुधियाना, पंजाब, भारत
स्कूल Mata Jai Kaur Public School, Ashok Vihar, Delhi
स्कूल/
विद्यालय
Guru Tegh Bahadur Institute of Technology, New Delhi
Guru Tegh Bahadur Institute of Technology, New Delhi
डेब्यूतेलुगु फिल्मः “झुम्मंडी नादम (2010)
“आदुकलम” (2011)
“उबत्स” (2011)
“चश्मे बद्दूर” (2013)
पितादिलमोहन सिंह पन्नू
मातानिर्मलजीत पन्नू
बहनशगुन पलू (छोटी बहन)
शोक/ अभिरुचि पढ़ना, बाइक चलाना, स्क्रैश खेलना, नृत्य करना, और तैराकी करना
पसंदीदा
भीजन
डेनिश पेस्ट्री, चीनी भोजन, पराठे, छोले पुरी, कचौरी, और पापड़ी चाट
पसंदीदा अभिनेताआमिर खान, कि राशन सूर्याला कपुर, प्रभास, और रॉबर्ट डाउनी जूनियर
पसंदीदा स्थानयूरोप और मालदीव
वैवाहिक
स्थिति
अविवाहित
बॉयफ्रेंडमहत राघवेंद्र (तमिल फिल्म अभिनेता) ,
माथियास बोए (डेनमार्क के बैडमिंटन खिलाड़ी)
पतिलागू नहीं

बॉलीवुड के लगातार विकसित हो रहे कलाकारों के बीच तापसी पन्नू एक अलग ही तरह की अभिनेत्री के रूप में उभरी है, जिसने एक दशक से एक खास जगह बनाई है।

उसने अधिक लम्बे करियर में अपने लिए ‘चश्मे बद्दर’, ‘पिक’, ‘बदला’, ‘थप्पड़’ और ‘ मुल्क’ जैसी विविध और विचारोत्तेजक फिल्मों के साथ फिल्म इंडस्ट्री में अपने लिए एक अलग ही दुनिया बसा ली है। वहीं ‘बेबी’, ‘द गाजी अटैक’, ‘मनमर्जियां’, ‘नाम शबाना’, ‘मिशन मंगल’, ‘सांड की आंख’, ‘हसीन दिलरुबा’, ‘रश्मि रॉकेट’, ‘लूप लपेटा’ और ‘शाबाश मिट्टू’ जैसी फिल्मों के साथ उसने एक सम्मोहक कहानी बुनी है, जो हिन्दी सिनेमा की पारम्परिक सीमाओं से परे है। पेश हैं तापसी से हुई एक बातचीत के कछ अंश:

– यह लॉटरी लगने जैसा एहसास है; फर्क केवल इतना है कि यह लॉटरी यूं ही नहीं लगी, यह 10 साल की कड़ी मेहनत फल है। उनके साथ सैटे पर रहना फिल्मी शिक्षा के सबसे अच्छे और सबसे बड़े विश्वविद्यालय में दाखिला लेने जैसा है और मैंने यह सुनिश्चित किया कि मैं उनके साथ हर दिन का पूरा फायदा उठाऊं।

मेरी ताकत के दो स्तम्भ मेरी न्यूट्रिशनिस्ट मुनमुम गनेरीवाल और मेरे ट्रेनर सुजीत करगुटकर हैं।

उन्हें मुझ पर उससे भी अधिक भरोसा था, जितना मुझे खुद पर था। उन्होंने मुझे हमेशा आगे बढ़ने और मेरी क्षमताओं पर भरोसा करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

अपने कामकाजी जीवन के पिछले 13 वर्षों में, मैंने महसूस किया है कि मौलिक और गैर-प्रतिस्पर्धी होने से हमेशा मेरा सर्वश्रेष्ठ सामने आया है। आपको खुद को और अपनी विशिष्टता को स्वीकार करना होगा और फिर दूसरों को उसी नजरिए से देखना शुरू करना होगा।

हां, ऐसा होता है, लेकिन यह जैसा दिखता है, वैसा नहीं है। कोविड की वजह से मेरी फिल्मों की रिलीज टल गई थी। मैंने तय किया कि 2023 और 2024 में खुद और अपने व्यक्तिगत विकास को उतना ही समय दूंगी, जितना मैं अपने काम को देती हूं।

मैं हमेशा यह सुनिश्चित करती हूं कि मेरी फिल्में प्रचलित दृष्टिकोणों को चुनौती दें और आपको आदर्श या जो नजर आता है उस पर सवाल उठाने पर मजबूर करें।

उसने बताया कि उसके पिता बेहद कंजूस हैं। पूरी जिंदगी पैसे बचाने के बाद भी वह खुद पर खर्च नहीं करते। उन्हें उसकी या उसकी बहन शगुन की शादी पर भारी-भरकम रकम खर्च करने की चिंता भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि वे दोनों बहने खुद इसका खर्च उठा सकती हैं लेकिन फिर भी जब वह उन पर पैसे खर्च करती है, तो वह नाराज हो जाते हैं। उसने कहा, “मैं जब अगली बार घर जाऊंगी तो मुझे पता है कि पापा मुझे डाइटीशियन पर इतना खर्च करने के लिए डाटेंगे।”

तो कुछ पल झिझकने के बाद तापसी ने कहा, “लगभग 1 लाख रुपए हर महीने।”

इस जवाब पर सवाल पूछने वाले की हैरत देखते हुए उसने समझाते हुए बताया कि आखिर क्यों उसके लिए ऐसा करना जरूनी है, “मैं जो फिल्में कर रही हूं और अपने जीवन में जहां पर भी हूं, उसके हिसाब से मेरी डाइट लगातार बदलती रहती है। हर चार या पांच साल के बाद मेरा शरीर भी बदलता है। इस पेशे में हममें से ज्यादातर लोगों को डाइटीशियन की सलाह की जरूरत होती है, जो हमें यह बताए कि हमारे लिए कौन-सी चीजें सबसे अच्छी हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम किस शहर या किस देश में हैं। डाइट में मौसम भी एक अहम भूमिका निभाता है और स्थानीय खान-पान भी। ऐसे में डाइटीशियन की जरूरत होती है।”

तापसी ने बताया कि वह अपनी मां के लिए भी डाइट सब्सक्रिप्शन खरीदती है क्योंकि, उन्हें मेटाबॉलिज्म को समस्या है। उसने बताया, “बाद में अस्पतालों पर खर्च क्यों करें, जब आप अभी डाइट पर खर्च कर सकते हैं? हालाकि मेरे पिता ने मां पर खर्च करने के लिए इंकार कर दिया था, क्योंकि वह सोचते हैं कि डाइटीशियन रखना एक फैंसी चीज है लेकिन यह कोई फैसी खर्च नहीं है, यह एक जरूरत है।”


तापसी पन्नू के कुछ रोचक तथ्य

  • तापसी और कंगना रनौत के बीच तनातनी के बारे में सभी जानते हैं। 2 साल पहले कंगना और तापसी के बीच काफी जुबानी जंग देखने को मिली थी जब कंगना ने तापसी को ‘सस्ती कॉपी’ बताया तो वहीं तापसी ने कंगना को ‘डबल फिल्टर’ इस्तेमाल करने की सलाह दी।

गत दिनों जब तापसी से कंगना के ‘सस्ती कॉपी’ वाले बयान के बारे में पूछा गया तो उसने कहा, “मैं वास्तव में इस बयान के बारे में क्या कह सकती हूं। अब मुझे बुरा भी नहीं लगता। सच में, मुझे नहीं पता। मैं उनसे ‘पिक’ को स्क्रीनिंग पर मिली थी, जब में इंडस्ट्री में नई थी।

मैंने उन्हें एक मेहमान को तरह’ हैलो’ कहा और उन्होंने ‘थैंक यू’ कहा। अगर वह मेरे सामने आती हैं तो मैं उनसे बात करूंगी, मुंह नहीं फेर लूंगी। मुझे उनसे कोई समस्या नहीं है। वह एक अच्छी एक्ट्रेस हैं। यहां तक कि जब उन्होंने मुझे सस्ती कॉपी कहा, तब भी मैंने इसे तारीफ के तौर पर लिया था।”

  • मिस इंडिया के अनुभव किए याद तापसी ने अभिनेत्री बनने से पहले कुछ सालों तक मॉडलिग में कोशिश की थी।

जब वह कॉलेज में थी तो उसने मिस इंडिया प्रतियोगिता में भी अपनी किस्मत आजमाई। वहां उसने टॉप 28 में जगह बनाई थी लेकिन उसके लिए वह अनुभव सुखद नहीं था। उसके अनुसार प्रतियोगिता में बहुत पक्षपात था।

उसने कहा, “मुझे ‘गूमिग पीरियड’ के दौरान एहसास हुआ कि यह कुछ ऐसा नहीं था जो मैं कर सकती थी। वे हमें चलने से लेकर यहां तक सिखाते थे कि कैसे मुस्कुराना है। डिजाइनर हेमंत त्रिवेदी उस समय विशेषज्ञ शिक्षक हुआ करते थे और उन्होंने मुझे अपमानित किया। उन्होंने कहा- यदि मेरे हाथ में होता तो तुम टॉप 28 में कभी नहीं होती।”

  • ग्लैमरस छवि के बावजूद सार्थक और कमर्शियल सिनेमा दोनों में हिट होने वाली चुनिंदा अभिनेत्रियों में से एक है।

फिल्म इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि चकाचौंध और ग्लैमर से परे तापसी की यात्रा बॉलीवुड के उभरते परिदृश्य का एक प्रमाण है और यह आगे के लिए एक महान यात्रा की शुरुआत भर है।

फिल्म इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि तापसी एक दुर्लभ खोज है, जिसने एक ग्लैमरस छवि बनाते हुए सार्थक सिनेमा को कमर्शियल सिनेमा के साथ मिश्रित करने की कला में महारत हासिल कर ली है।

निर्माता और ट्रेड एक्सपर्ट गिरीश जौहर के अनुसार, “उसने अब तक जो भी काम किया है वह एक बहुत ही दुर्लभ मिश्रण है क्योंकि परम्परागत रूप से हमने देखा है कि जिन अभिनेत्रियों ने सार्थक सिनेमा किया, उन्हें कमर्शियल फिल्मों की दुनिया में मजबूत पकड़ नहीं मिली। उसे सिनेमा के सभी हिस्सों में एक दुर्लभ स्थान मिला है, जो शाहरुख खान के साथ जल्द रिलीज हो रही उसकी फिल्म ‘डंकी’ करने से एक बार फिर साबित हुआ है।”

उसके चोटी तक पहुंचने के बारे में बात करते हुए फिल्म ‘शाबाश मिट्टू’ के निर्माता श्रीजीत मुखर्जी कहते हैं, “विद्या बालन, तब्बू और रानी मुखर्जी के बाद, अगर कोई है, जिसने महिला प्रधान फिल्मों में नायिका या मुख्य नायिका की भूमिका निभाई है, तो वह तापसी पन्नू है।

अपनी फिल्मों के लिए उसकी विषयों की पसंद कमाल रही है। उसने महिला प्रधान फिल्मों में अपनी काबिलियत साबित की है। उसके साथ काम करते हुए, मैंने एक बहुत ही प्रेरित और मेहनती अभिनेत्री को देखा… कम उम्र में ही उसका करियर कइयों के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन चुका है।

उर्वशी रौतेला बायोग्राफी ,उम्र ,कद ,परिवार

वृंदावन | Vrindavan

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