जय सच्चिदानंद जी का अर्थ | jai sachidanand ji
जय सच्चिदानंद जी जय सच्चिदानंद जी जो जगत् की उत्पत्ति, स्थिति और विनाश के हेतु हैं, तथा जो तीनों प्रकार के ताप के नाशकर्ता हैं, उन सच्चिदानन्दस्वरूप भगवान् श्रीकृष्ण को हम सब वंदन करते हैं। परमात्मा के तीन स्वरूप- सत्, चित् और आनन्द का वर्णन परमात्मा के तीन स्वरूप शास्त्रों में कहे गये हैं- सत्, … Read more