तू महलों में रहने वाली मैं जोगी जटाधारी हूं लिरिक्स
तू महलों में रहने वाली मैं जोगी जटाधारी हूं तू महलों में रहने वाली मैं जोगी जटाधारी हूं तेरा मेरा मेल मिले ना रहता अटल अटारी हूं पर्वत पे मैं कर गुजरा मेरा कोई घर वार नहीं व्याह कराके मेरे संभले सांस ससुर का प्यार नहीं तू सेजो पे सोने वाली आ खटिया पलग निवास … Read more