गौ माता को देवी की उपाधि क्यों दी जाती है

हम भारतीय गोमाता को देवी क्यों कहते हैं ?

इसे हम गौ माता को क्यों पूजते हैं ?

गौ माता – इस प्रश्न का उत्तर दो तरह से दिया जा सकता है। प्रथम यह कि भारतीय धर्मग्रंथ गाय के पूज्य भाव को प्रमाणित करते हैं और धर्मग्रंथों पर आस्था होने के कारण हम इसे स्वीकार करते हैं। दूसरे आधार पर भी इसका उत्तर यह होगा कि जो हमेशा देने के बदले में कुछ न ले वही देवता है। भारतीय गाय घास-फूस खाकर हमें हमेशा कुछ देती रहती है तथा बदले में कुछ भी नहीं लेती है। अतः वह देवी है।

गौ माता की उत्पत्ति कैसे हुई

यह मान्यता है कि गाय का अवतरण कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन हुआ था, इसीलिए इस तिथि को गोपाष्टमी भी कहते हैं।

इस तिथि के साथ यह भी एक धारणा है कि भगवान कृष्ण ने गो, गोप तथा गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत धारण किया था।

गोमाता के अवतरण से संबंधित दो कथानक हैं- पहला कथानक ऋग्वेद का है जिसके मंत्र में कहा गया है कि जिस तरह से विराट् पुरुष से सूर्य, चंद्र, अग्नि, वायु आदि देवता उत्पन्न हुए थे, उसी तरह से उनसे गोमाता भी उत्पन्न हुई थी।

दूसरा कथानक पद्मपुराण के सृष्टिखण्ड का है जिसमें कहा गया है कि जब देवता और दानव मिल कर समुद्र मन्थन कर रहे थे तब जिस प्रकार से समुद्र से लक्ष्मी जी, ऐरावत हाथी प्रकट हुए उसी प्रकार गाय भी प्रकट हुई। भारतीय गाय ही असली गाय है।

कैसे करें गौ माता की रक्षा

  • प्लास्टिक की थैलियों में खाद्य पदार्थ न डालें।
  • शिक्षा पाठ्यक्रमों में गाय का विषय शामिल कराने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को अपने हाथ से एक-एक पोस्टकार्ड अवश्य लिखें।
  • अपने घर के बाहर छोटी-मोटी पानी की एक टंकी अवश्य भरें। उसे नियमित साफ रखने पर भी ध्यान दें। पानी में एक मुट्ठी नमक अवश्य डालें।

गौ माता की सेवा कैसे करें?

  • घर में कम से कम एक गाय पाले। संभव हो तो गौशाला की कम से कम एक गाय पालन-पोषण का खर्च वहन करें।
  • पंचगव्य निर्मित स्वास्थ्यवर्धक लाभप्रद मंजन, साबुन, उबटन, धूप, मच्छर निरोधक अगरबत्ती जैसे उत्पादों का उपयोग करें।
  • घर के दूध, दही, घी, छाछ का उपयोग करें। बीमारियों में सुलभ, हानिरहित पंचगव्य औषधियों का ही प्रयोग करें।
  • समय-समय पर गौशालाओं में भैट दें तथा गौरक्षा हेतू होने चाले आन्दोलनों में सक्रिय सहयोग
  • लाखों गौवंश के मृत्यु कारण बनी प्लाष्टिक थैलियों का उपयोग न करें।
  • बांदी के बर्क लगी मिठाइयों का विरोध
  • गोवंश हत्या प्रेरित हिंसक उत्पादों को स्वंय जान लें तथा इस विषय में जनजागरण करें। जैसे चमड़े से जूते-चप्पल, चांदी बर्क, कोट, पर्स, सूटकेस, बिस्तरबंद, बेल्ट, गलीचा, फर्नीचर कवर, ढोलक, यंत्र, क्रिकेट बाल, फुटबाल, कलात्मक मूर्तियों, टोपी, हाथपोस, बेबी सूट, गौमांस व चर्बी से बने नकली घी, बेकरी उत्पाद, आइसक्रीम, चॉकलेट, टूथपेस्ट व कोल्डक्रीम, वेनीशिंग क्रीम, लिपस्टिक, परफयूम, नेलपॉलिस, डाई, लोसन, शेम्पू, सिन्थेटिक दूध, खिलौने आदि।
  • गौहत्या प्रेरित औषधियों जैसे इन्शुलिन, डेक्सोरेंज कई कॅलसियम पूरक औषधियों का विरोध करें।
  • औषधियों में Bovine लिखा होना यानि औषधियों में गौवंश मांस उपयोग है ऐसा चाहिए।
  • आजकल पनीर में गाय के बछड़े से प्राप्त रेनेट का उपयोग होता है। ऐसे पनीर का विरोध करें।
  • विपत्ति पड़े और कत्लखानों में जा गौवंश को छुड़ाने सहयोग करें। शिक्षा पाठ्यकों में गौविज्ञान का विषय सामिल कराने सहयोग

भारतीय गौ माता की महिमा जाने

प्रश्न 1. माँ के दूध में 65 कैलोरी ऊर्जा होती है। गाय के दूध में कितनी कैलोरी ऊर्जा होती है ?

उत्तर – 67 कैलोरी।

प्रश्न 2. दही के किस उत्पाद का नमक डालकर सेवन करने से अग्निदीपन होता है ?

उत्तर – छाछ।

प्रश्न 3. विश्व की कुल गायों का कितना प्रतिशत भारत में है ? 16 प्रतिशत।

प्रश्न 4. तेज दौड़ने वाले बैलों की नस्ल का नाम बताइये।

उत्तर – नागौरी ।

प्रश्न 5. कुल दुग्ध उत्पादन में विश्व में भारत का स्थान कौन सा है ?

उत्तर – प्रथम

प्रश्न 6. गाय और माँ के दूध में से शर्करा किसमें अधिक होती है ?

उत्तर – माँ के दूध में (गाय 4.9 प्रतिशत, माँ 7.0 प्रतिशत)

प्रश्न 7. गाय के दूध में पाए जाने वाले तीन प्रमुख खनिज तत्त्वों के नाम बताइए।

उत्तर – पोटाशियम (140 मि.ग्रा.), कैल्शियम (120 मि.ग्रा), फॉसफोरस (90 मि. ग्रा/ 100 ग्राम दूध)

प्रश्न 8. माँ के दूध में निकोटिन एसिड व कैरोटिन नहीं पाए जाते। गाय के दूध में इनकी मात्रा कितनी होती है ?

उत्तर – निकोटिन एसिड (0.1 मि.ग्रा.), कैरोटिन (10 I. U)

प्रश्न 9. गोरोचन क्या है

उत्तर – गाय बैल का सुखाया हुआ पित्त रस।

प्रश्न 10. महर्षि भी कितने वर्ष पुराना होता है ?

उत्तर – 111 वर्ष से अधिक।

प्रश्न 11. रासायनिक खादों व कीटनाशक रसायनों के सतत् प्रयोग से तीन प्रकार का प्रदूषण खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है। तीनों के नाम बताइये।

उत्तर – भूमि, जल व वायु प्रदूषण

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