आजकल आप ‘एसिडिटी’ शब्द आमतौर पर सुनते ही होंगे। दरअसल यह एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिससे आज हर दूसरा शख्स पीड़ित है।
एसिडिटी में पित्त में अम्लता का बढ़ जाना या आमाशय में अम्लता का ज्यादा इकट्ठा हो जाना प्रमुख कारण होता है। एसिडिटी होने पर व्यक्ति को खट्टे डकार आना, पेट में जलन होना, गैस होना, उल्टी आना, सिर दर्द या पीठ दर्द, पाचन प्रक्रिया में बाधा आदि लक्षण सामने आते हैं।
अगर एसिडिटी की समस्या निरंतर बनी रहे तो व्यक्ति को अल्सर, पथरी व अन्य गंभीर रोग होने की आशंका भी काफी बढ़ जाती है। अतः एसिडिटी पर नियंत्रण रखना बेहद आवश्यक है ।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एसिडिटी होने की वजह गलत खान-पान की आदतें हैं। जैसे तले हुए खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन, अधिक मिर्च-मसाले क युक्त भोज्य पदार्थ, ज्यादा खट्टे भोज्य पदार्थ, जैसे अचार, इमली आदि का अधिक सेवन, चाय-काफी अधिक मात्रा में पीना, धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन इत्यादि।
इसके अतिरिक्त नकारात्मक भावनाएं जैसे क्रोध, चिंता आदि भी इस रोग के प्रमुख कारणों में से हैं, इसलिए सर्वप्रथम आप इन कारणों को दूर कीजिए। जो सुधार आप स्वयं कर सकते हैं सर्वप्रथम उन्हें करने का प्रयत्न करें।
साथ ही एसिडिटी की समस्या से पीड़ित होने पर अपने डाक्टर से भी परामर्श करें। एसिडिटी से बचाव के लिए निम्न बातों पर अमल करें :