उठ जाग ऐ रूह मेरी तुझे तेरे पियूँ ने जगाया है लिरिक्स
उठ जाग ऐ रूह मेरी, तुझे तेरे पियूँ ने जगाया है।। बहुत गमाए दिनड़े तूने, गल गल के गफलत में,वक्त गुजारा सारा अपना, तूने इस नफरत में, कब जागेगी उठ के अब तू, अपनी उस खिलवत में, कायम तेरा ठोर ठिकाना, तुझको बतलाया है, उठ जाग ऐं रूह मेरी, तुझे तेरे पियूँ ने जगाया है।। … Read more