दर पे खड़ी हूँ पतंग बन के आओ भोले बाबा तुम डोर

दर पे खड़ी हूँ पतंग बन के आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….. 1. कोई जल लाया बाबा कोई काव्य दूध हो तुमको नहलाएँगे मल मल के आओ भोले बाबा तुम डोर बन के……… 2. कोई फूल लाया बाबा कोई बेल पाती तुमपे चढ़ाएँगे सब मिल के आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…… … Read more

कैलाश पर्वत पे बस गयो रे लिरिक्स

कैलाश पर्वत पे बस गयो रे सज गयो भोला सवर गयो रे शीश भोले के गंगा विराजे गंगा से सारा जग तर गयो रे सज गयो भोला सवर गयो रे कान भोले के कुंडल सोहे हैकुंडल में बिच्छू लटक गयो रे सज गयो भोला सवर गयो रे गले भोले के माला सो हैं माला पे … Read more