राम को देख कर श्री जनक नंदिनी लिरिक्स
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी, बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी, राम देखे सिया माँ सिया राम को, चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…. थे जनकपुर गये देखने के लिए, सारी सखियाँ झरोकान से झाँकन लगी, देखते ही नजर मिल गयी दोनों की, जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह … Read more