अविवेक से बचो

अविवेक से बचो एक कथा है— एक बार एक आदमी अपने कंधे पर एक मेमने को उठाकर ले जा रहा था। उसी रास्ते पर तीन ठग भी जा रहे थे। उन ठगों की दृष्टि जैसे ही उस मेमने पर पड़ी, उन्होंने मेमने को उस आदमी से ठगने की योजना बनाई। तीनों ने मिलकर परामर्श किया … Read more

भेड़चाल

भेड़चाल एक दृष्टांत – शिव मंदिर के समीप एक कुम्हार का घर था। जब शाम के समय शिव मंदिर में आरती होती, कुदरती उसी समय ही उसका गधा रेंगना आरम्भ कर देता। कुम्हार ने अपने मन के ख्यालों से ही माना कि यह भी अपनी भाषा में आरती ही गा रहा है इसलिए यह पिछले … Read more

प्रश्न उत्तर आध्यात्मिक

प्रश्न उत्तर कौन सा मार्ग सुगम है? भक्ति मार्ग बहुत सुगम है। इसमें कोई कठिनाई नहीं। जिस दिन से आरम्भ करो उसी दिन से यह सुखदायी है, दुःख का लेशमात्र भी नहीं। विरह में भी अजीब आनन्द है जिसको विरही ही जानते हैं। इसमें न कोई विशेष साधन है और न कोई खास सामग्री। ऐसा … Read more

सतगुरु शब्द उलंधि कर

सतगुरु शब्द उलंधि कर- सद्गुरु के दरबार में कितने ही किस्म व संस्कारों के लोग आते हैं। जिनके संस्कार ऊँचे होते हैं वे हुकम के पाबन्द रहकर सद्गुरु की कृपादृष्टि प्राप्त कर लेते हैं। परन्तु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हुकम की अवहेलना करके अपने बहुमूल्य समय को आलस्य एवं व्यर्थ के वाद … Read more

भक्त जोगासिंह

एक दृष्टांत है- भक्त जोगासिंह जब छोटा था तो अपने पिता जी के साथ दशम पादशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के दर्शन हेतु जाया करता था। एक दिन गुरु साहिब जी द्वारा नाम पूछे जाने पर उसके पिता जी ने बताया कि इसका नाम जोगा है। गुरु साहिब जी ने फ़रमाया कि जोगा तो … Read more

उचित अवसर का लाभ कैसे उठाएं ?

उचित अवसर- एक पूर्ण सन्त अपनी मौजवश में बैठे थे और खेत की मिट्टी को गूंदकर उसके छोटे छोटे घर बना रहे थे। संयोग से एक राजा और उसके वज़ीर उधर से गुज़र हुआ। राजा श्रद्धावान था, उसने संत जी से पूछा कि आप यह क्या कर रहे हैं? संत जी ने जवाब दिया। कि … Read more

असली सौदागर कौन होते है ?

असली सौदागर तन मन धन से सत्पुरुषों की सेवा कमा कर जो आत्मिक पूँजी एकत्र की जाती है वही वास्तव में असली पूँजी व असली सौदा है और वक्त के पूर्ण महापुरुष इस सौदे के असली सौदागर होते हैं। तन मन के साथ साथ धन की सेवा का भी अपना विशेष महत्त्व है। कहा भी … Read more

भक्त अजामिल की कथा

भक्त अजामिल ने नाम के प्रताप से मुक्ति प्राप्त करके अपने जीवन को सकारथ किया। भक्त अजामिल की कथा इस प्रकार है। भक्त अजामिल एक ऊँचे ब्राह्मण कुल में पैदा हुए थे। उत्तम ब्राह्मण कुल और ऊँची जाति के धनवान खानदान की सन्तान होते हुए भी अजामिल अपनी यौवनावस्था में बुरी संगति के शिकार हो … Read more

सतगुरु सदैव अंग संग हैं

सतगुरु सदैव अंग संग हैं सद्गुरु को सदा अंग संग समझना ही रूहानियत का सर्वश्रेष्ठ गुण है। जिस प्राणी में यह गुण परिपक्व हो जाता है, वह पाप कर्मों से बचा रहता है। एक छोटा सा दृष्टांत है- एक बार किसी सन्त ने अपने सेवक को एक पक्षी दिया और उसे हुकम किया कि इसे … Read more

सत्य की राह – सच की नाव हिले ,पर कभी न डूबे।

सत्य की राह सुखमनी साहिब में वर्णन आया है जिस के अंतरि बसै निरंकारु ॥ तिस की सीख तरै संसारु ॥ जिसके मन में कर्ता धर्ता परम पिता परमेश्वर का वास होता है उसके द्वारा दर्शाए गए मार्ग पर चलकर दुनिया राहत व चैन प्राप्त करती है। जिन्हें गुरु दरबार की बैठक मिली है और … Read more

विचारों का प्रभाव – एक सेठ एक और महात्मा जी की कथा

विचारों का प्रभाव कथा है-सहारनपुर में एक सेठ एक महात्मा जी के सत्संग में जाता था। जब भी महात्मा जी उसके भी लिए उसे कोई धन की सेवा के लिए कहते तो वह टाल देता था। लाखों रुपये पास होते हुए भी उसने कभी एक पाई भी सत्कार्य के लिए खर्च नहीं की। महात्मा जी … Read more