जीव के सच्चे हितैषी सतगुरु ही गुप्त व प्रकट दोनों रूपों में हर प्रकार से सेवक की रक्षा करते हैं
जीव के सच्चे हितैषी सतगुरु सतगुरु आदिकाल से ही जीवों की भलाई चाहते आये हैं। प्रारम्भ से ही उनकी मौज यही रही है कि जीव काल व माया के चक्कर में न पड़ कर, भक्ति व परमार्थ के शुभ कार्यों में लगकर, अपने मनुष्य जन्म के उद्देश्य को प्राप्त कर सके। इसीलिए वे अपने पर … Read more