श्री गुरु महिमा | Nangli Sahib ki Shri Guru mahima lyrics

श्री गुरु महिमा – Nangli Sahib ki Shri Guru mahima सत्यं बोधमयं नररूप मम्लं प्रत्यक्ष सर्वेश्वरम् । रत्नैर्मण्डित शीर्ष शुभ्र मुकुटं श्वेतांबरैः शोभितम् ।। मुक्ता माल विभूषितं च हृदयं सिंहासने संस्थितम् । भक्तानां वरदं प्रसन्न वदनं श्री सद्गुरु नौम्यहम् ।। अखण्ड ज्ञान स्वरूप, निर्मल मनुष्य आकृति साक्षात् परमात्मा जिनके मस्तक पर रत्न जड़ित श्वेत मुकुट … Read more

उपवास के लाभ और हानियाँ और नियम

उपवास के लाभ और हानियाँ उपवास का शाब्दिक अर्थ है उप (समीप) वास उ रहना) अर्थात ईश्वर के समीप रहना। कुछ समय के लिए ठोस अथवा तरल आहार न लेकर केवल पानी आदि का सेवन करना उपवास कहलाता है। यह शरीर शोधन के साथ-साथ आत्म परिशोधक भी है। यह रोगों के उपचार की पद्धति भी … Read more

प्रेमानंद जी महाराज का जीवन परिचय | Premanand Ji Biography

प्रेमानंद जी महाराज का जीवन परिचय | Premanand Ji Biography यों तो प्रत्येक देश में समयानुसार ऐसे महापुरुषों का अवतरण होता ही रहता है; परन्तु भारतवर्ष को यह विशेष गौरव प्राप्त है। इस देश में सत्पुरुषों के आविर्भाव की परम्परा शताब्दियों पुरानी है। परम पुरातनकाल से ही हमारा भारत आत्म-ज्ञान तथा भक्ति का बृहत् स्रोत … Read more

शिरडी वाले साईं बाबा का अवतार कैसे हुआ ?

साईं बाबा कैसे प्रकट हुए शिरडी वाले साईं बाबा – शिरडी गांव नीम के वृक्ष के नीचे बालक रूप में साईं बाबा प्रकट हुए श्री साई बाबा के जन्म और उनके माता-पिता के विषय में रहस्य बनी हुई है। धरती उनकी माँ और पिता आकाश की गोद में साई शिरडी में नीम के वृक्ष के … Read more

योग या भक्ति में असफल व्यक्ति का वास्तव में क्या होता है?

योग या भक्ति – ऐसा नहीं है कि भगवद् गीता ध्यान-योग पद्धति को अस्वीकार करती हो, वह इसे एक प्रमाणिक विधि के रूप में स्वीकार करती है, किन्तु वह यह भी दर्शाती है कि यह विधि इस युग में संभव नहीं है। अतः भगवद् गीता के छठे अध्याय की विषय-वस्तु को श्री कृष्ण तथा अर्जुन … Read more

मन पर नियन्त्रण कैसे करें ? शिक्षाप्रद कथा

मन पर नियन्त्रण – एक महान् राजा राज्य का त्याग कर संन्यासी बन गया। एकबार जबकि वह एकाग्रचित्त नगर के पास से गुज़र रहा था, भाँति-भाँति की मिठाइयाँ हलवाई की दुकान पर देखकर उसका मन ललचा गया। उसके मन ने मिठाइयाँ खाने का हठ किया। परन्तु उसके पास पैसे नहीं थे। बिना पैसे के हलवाई … Read more

बुढ़ापे को कैसे रोकें

बुढ़ापे को कैसे रोकें – बुढ़ापा मनुष्य जीवन की एक प्राकृतिक अवस्था है, जिससे बचा नहीं जा सकता। लेकिन इसे टाला जरूर जा सकता है। आज की हमारी भाग-दौड़ की अनियमित दिनचर्या, अस्वास्थ्यकर भोजन, अनियमित निद्रा और तनाव समय से पहले बुढ़ापा आने के मुख्य कारण है। आज बीस-तीस वर्ष के युवक-युवतियों के चेहरे पर … Read more

संकल्प शक्ति क्या है? पूर्ण संत के रहस्यमई वचन एकाग्रता से पढ़ें

संकल्प शक्ति विचार में बहुत शक्ति है। यदि विचार मनुष्य के अन्दर न हो तो वह संसार में जन्म नहीं ले सकता । अन्तिम समय जैसी भावना और संकल्प होता है, उसी के अनुसार मनुष्य को अगला जन्म मिलता है। शरीर के अन्दर संकल्प शक्ति के कारण ही मनुष्य चेतन भासता है। स्वप्न अथवा निद्रावस्था … Read more

शत्रु-मित्र की परख कैसे करें?

शत्रु-मित्र की परख यह मनुष्य काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि को ही अपना मित्र समझकर दिन रात इनके इशारों पर जीवन व्यतीत कर रहा है परन्तु यह उसकी बड़ी भूल है। वास्तव में तो ये सब जीव के शत्रु ही हैं। मनुष्य के मित्र तो केवल सन्त सद्गुरु ही होते हैं जो कि उसे … Read more

अपने को न भूलो

अपने को न भूलो संसार में मनुष्य के दुःखी रहने का एकमात्र कारण यही है कि वह अपने स्वरूप को बिल्कुल ही भूल चुका है। जिस उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए उसे यह मानव जन्म मिला था उस लक्ष्य को भूलकर वह इस नश्वर शरीर, इन्द्रियों तथा शारीरिक रिश्ते-नातों को ही अपने सुख का … Read more

करत करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान

करत करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान ॥ दोहा ॥ करत करत अभ्यास ते, जड़मति होत सुजान । रसरी आवत जात ते, सिल पर पड़त निसान ॥ किसी कार्य को नियमपूर्वक किया जाय तो उसमें अवश्य सफलता प्राप्त होती है। जब एक साधारण सी रस्सी प्रतिदिन कुएँ से जल भरती हुई पत्थर पर भी अपना … Read more

प्रभु नाम का महात्म्य – आवागमन के चक्कर से छूटने के सिर्फ दो ही उपाय..

प्रभु नाम का महात्म्य भगवान श्रीकृष्णचन्द्र जी ने गीता में लिखा है- || शेअर || वक़ते रहलत याद मेरी में, झुकाता है जो सर । मुझ में बेशक वसल होता है, वह कालव छोड़कर || यह समझ ले आख़री दम, जिसका जैसा हो ख़्याल । अपनी नीयत के मुताबिक, उसमें पाता है वसाल || दम … Read more