अठसठ तीरथ गुरु चरण
अठसठ तीरथ गुरु चरण सन्तों के चरण-शरण की कितनी महत्ता है। इस पर सन्त सहजोबाई जी कथन करती हैं- ॥ दोहा ॥ अठसठ तीरथ गुरु चरन, परबी होत अखण्ड | सहजो ऐसा धाम नहिं, सकल अण्ड ब्रह्मण्ड | अर्थात् सृष्टि में जितने भी तीर्थ पाये जाते हैं,वे सब वस्तुतः सन्त-महापुरुषों के चरणों में ही स्थित … Read more