टेक- अमृत वेले गुरु दर्शन पाइये, अपने गुरु जी पे बलि बलि जाइये ।
1- परम पुरुष पूरण गुरु मेरे, जिनके सिमरत सूख घनेरे; स्वाँस स्वाँस में नाम ध्याइये । अमृत वेले ……. ।
2- गुरु मूरत का करिये ध्यान, गुरु से माँगिये भक्ति दान; गुरु चरणों में प्रेम बढ़ाइये । अमृत वेले ……. ।।
3- अमृतमयी सतगुरु की वाणी, आनन्ददायक सुख की खानी; गुरु जी की वाणी हिरदय बसाइये । अमृत वेले ……. ॥
4- सेवक बन गुरु सेवा करिये, जन्म-मरण के दुःख सब हरिये; सेवा कर अपने भाग मनाइये । अमृत वेले ॥
5- गुरु बिन कोई मीत न भाई, लोक परलोक में संग सहाई; गुरु आज्ञा में मन चित्त लाइये । अमृत वेले ॥
6- सतगुरु महिमा अगम अनन्त, जिस का कोई न पावे अन्तः निशिदिन गुरु जी की महिमा गाइये । अमृत वेले ……. ।।
7- परमहंस सतगुरु अवतार, ‘दासनदास’ की यह ही पुकार; पल पल साचा नाम जपाइये । अमृत वेले ……. ।।