लाती है ऐसे मोड़ पे किस्मत कभी-कभी
फिर खो ना जाए हम कहीं दुनिया की भीड़ में-२
लाती है ऐसे मोड़ पे किस्मत कभी-कभी -२
होती है दिलबरों की ,इनायत कभी कभी -२
मिलती है ज़िन्दगी में ,मोहब्बत कभी-कभी-२
शर्मा के मुंह न फेर नज़र के सवाल पर -२
मिलती है पास आने की ,मुहलत कभी कभी -२
होती है दिलबरों की ,इनायत कभी कभी -२
फिर खो ना जाए हम कहीं दुनिया की भीड़ में-२
मिलती है पास आने की ,मुहलत कभी कभी -२
होती है दिलबरों की ,इनायत कभी कभी -२
खुलते नहीं हानि ,रोज़ दरीचे बहार के -२
आती है जान-इ-मन ,ये क़यामत कभी कभी -२
फिर खो ना जाए हम कहीं दुनिया की भीड़ में-२
मिलती है पास आने की ,मुहलत कभी कभी -२
होती है दिलबरों की ,इनायत कभी कभी -२