पार्वती बोली शंकर से सुनिये भोलेनाथ जी
पार्वती बोली शंकर से
 सुनिये भोलेनाथ जी
 रहना है हर एक जन्म में
 मुझे तुम्हारे साथ जी 
वचन दिजिये ना छोड़ेंगे
 कभी हमारा हाथ जी
ओ भोलेनाथ जी
 ओ शम्भू नाथ जी
 ओ भोलेनाथ जी 
ओ शंकरनाथ जी
जैसे मस्तक पर चंदा है
 गंगा बसी जटाओं में
 वैसा रखना है अभिनाशी
 मुझे प्रेम की छाँव में 
कोई नहीं तुमसा तीनों लोको में 
दसों दिशाओ में 
महलों से ज्यादा सुख है
 कैलाश की खुली हवा में
 तुम हो जहाँ वहाँ होती है
 तुम हो जहाँ वहाँ होती है
 अमृत की बरसात जी
 रहना है हर एक जन्म में 
मुझे तुम्हारे साथ जी
 वचन दिजिये ना छोडोगे 
कभी हमारा हाथ जी
ओ भोलेनाथ जी 
ओ शम्भू नाथ जी 
ओ भोलेनाथ जी 
ओ शंकरनाथ जी
देव हो तुम देवों के भोले 
अमर हो अंतरयामी हो 
भाग्यवान है हम त्रिपुरारी
 आप हमारे स्वामी हो
पुष्प विमानो से प्यारी हमको 
नंदी की सवारी जी
 युगो युगो से पार्वती 
भोले तुमपे बलिहारी जी
 जब लाओ तुम ही लाना
 जब लाओ तुम ही लाना
 द्वारे मेरे बारात जी 
ओ भोलेनाथ जी
 ओ शम्भू नाथ जी
 ओ भोलेनाथ जी 
ओ शम्भू नाथ जी
प्राण मेरे बस्तें हैं तुममें 
तुम बिन मेरी नहीं गति 
अग्निकुण्ड में होके भस्म
 तुम हुई थी मेरे लिए सती
शिव बिन जैसे शक्ति अधूरी 
शक्ति बिन शिव आधे है 
जनमों तक ना टूटेंगे
 ये जनम जनम के नाते हैं
तुम ही मेरी संध्या हो गोरी 
तुम ही मेरी प्रभात जी
 वचन है मेरा ना छोडूंगा 
कभी तुम्हारा हाथ जी 
सदा रहे है सदा रहेंगे
 गोरी शंकर साथ जी
है गोरा पार्वती 
है गोरा पार्वती 
जी भोलेनाथ जी 
ओ शंकरनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी 
ओ शंभू नाथ जी 
ओ भोलेनाथ जी
 ओ शंकरनाथ जी
ओ मेरा भोला है मेरे साथ साथ
 मैं झूम झूम के नाचूं
 मेरा भोला है मेरे साथ साथ 
मैं झूम झूम के नाचूं 
मैं झूम झूम के नाचूं
 अरे घूम घुम के नाचूं
मेरा भोला, हो मेरा भोला 
मेरा भोला है मेरे साथ साथ
 मैं झूम झूम के नाचूं 
मेरा भोला है मेरे साथ साथ 
मैं घुम घुम के नाचूं
ओ भोलेनाथ जी
 ओ शम्भू नाथ जी