प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला,
प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला,
तेरे नाम की मैं जपू रोज माला ।
अब तो मनोकामना है यह मेरी,
जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥
प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला..
कहीं और क्यूँ ढूँढने तुझ को जाऊं,
प्रभु मन के भीतर ही मैं तुझ को पाऊं।
यह मन का शिवाला हो सब से निराला,
जिधर देखें आए नजर डमरू वाला ,
प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला.. ॥
भक्ति पे है अपनी विशवास मुझ को,
बनाएगा चरणों का तू दास मुझ को ।
मैं तुझ से जुदा अब नहीं रहने वाला,
जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला,
प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला..॥
तू दर्पण सा उजला मेरे मन को करदे,
तू अपना उजाला मेरे मन में भरदे ।
हैं चारो दिशाओं में तेरा उजाला,
जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥
प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला,
तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला ।
अब तो मनोकामना है यह मेरी,
जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥