गंगा किनारे चल जाणा लिरिक्स- Shiv ji bhajan

गंगा किनारे चल जाणा

गंगा किनारे चल जाणा

बम बम भोला, बम बम भोला,
कह साधु कह गए कबीरा,

क्या तेरा क्या मेरा कबीरा,
सारा ये खेल है तकदीरों का,
क्या तूने ले जाणा, सब यहीं रह जाणा,
गंगा किनारे चल जाणा,


मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी,
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आना,

ये जीवन तेरा लकड़ी का पुतला,
ये ज़ीवन तेरा लकड़ी का पुतला,
आग लगे जल जाणा,
मुड़के फिर नहीं आना,


मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी,
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आना,

ये जीवन तेरा माटी का पुतला,
ये जीवन तेरा माटी का पुतला,
माटी में ही मिल जाणा,

गंगा किनारे चल जाणा,
मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी,
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आना,

ये जीवन तेरा मोह धागे,
गाँठ लगे टूट जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आणा,
गंगा किनारे चल जाणा,


मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी,
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आना,

तेरे अपने ही तुझको जलाएंगे,
कुछ दिन रोएंगे फिर भूल जायेंगे,

गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आणा,
मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी,
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आना,

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