जिस तरह से हो सके उस प्यारे रब्ब को याद कर
जिस तरह से हो सके,
उस प्यारे रब्ब को याद कर
आ के दुनिया में न अपनी,
जिंदगी बर्बाद कर।
जाल माया का बिछा है,
जिस में तेरा मन रमा,
जल्दी अपने आप को,
इस कैद से आज़ाद कर,
जिस तरह…
प्रभु ने दौलत तुझ को देकर
दुनिया मै पैदा किया,
अपनी दौलत से गरीबों का भी,
कुछ तू इमदाद कर,
जिस तरह…..
हाथ क्यों फैलाता है
गैरों के आगे जा के तू,
पैदा जिस ने किया,
उस से जा फरियाद कर।
जिस तरह से हो सके,
उस प्यारे रब्ब को याद कर
जिस तरह…..