
गुरु नाम की रेल खड़ी है,
कोई बैठ लो बैठने वाला
सत की तो भाई रेल बनी है,
अरे इंजन बना गुरु मतवाला,कोई बैठ…
कर्म का इसमें टीटी बैठा,
अरे इसे धर्म चलाने वाला , कोई बैठ…
दान का इसमें ईंधन लग रहा,
अरे कोई बैठ लो बैठने वाला , कोई बैठ….
सेवा की तुम टिकट कटा लो,
तने मिल जाए मुरलीवाला, कोई बैठ…