तुम्हारा हर्ज क्या होगा जो आओ बुलाने से लिरिक्स

तुम्हारा हर्ज क्या होगा जो आओ बुलाने से - कृष्णा लव

तुम्हारा हर्ज क्या होगा जो आओ बुलाने से

तुम्हारा हर्ज क्या होगा, जो आओ बुलाने से,
मेरे मिट जायेंगे सब दुःख कन्हैया तेरे आने से।

1.जो तुम को देखने से ही, किसी का काम बनता है
बना देना उसे जल्दी, मिलेगा क्या दिल दुःखाने से।
तुम्हारा हर्ज क्या होगा…….।

2. तुम्हें ही तारना है, तो प्रभु अभी तारो,
दया सागर बता दे तो, लाभ क्या होगा देरी लगाने से।
तुम्हारा हर्ज क्या होगा…….।

3.अगर चलता हमारा बस तो, रो रो कर बुला लेती,
बना लेती कभी जीवन, तेरी बन्सी बजाने से।
तुम्हारा हर्ज क्या होगा…….।

4.भरोसा है मुझ को मोहन, तुम्हारे पतित पावन का
न भूलूंगी तुझे मोहन, बचा लो आने जाने से।
तुम्हारा हर्ज क्या होगा…….।

जब फूल खुशी में मुस्कायासड़कों पर सम्भल कर कविता
तितली पर कवितासूरज पर कविता
बच्चों पर कवितासाइकिल पर कविता

तुम्हारा हिज़्र मना लूँ अगर इजाज़त हो – गज़ल

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