साइकिल पर कविता || Poem on Bicycle
साइकिल पर कविता देकर पिता जी एक सहारा, देखें वे एक नजारा। पीछे चल कर दिशा बताते, संतुलन की बात समझाते । एक भरोसा, एक विश्वास, रखो बेटी तुम अपने पास। दृढ़-अडिग साहस जगाते, अधरों पर मुस्कान हैं लाते । बोलें पिता जी बिटिया रानी, हो गई अब तो बड़ी सयानी । संकल्प, धैर्य का … Read more