सत्गुरु पाया तां हो गई निहाल नी सइयों

सत्गुरु पाया तां हो गई

सत्गुरु पाया तां हो गई निहाल नी सइयों सत्गुरु पाया तां हो गई निहाल नी सइयों, शीश झुकाया ते सत्गुरु मेरे नाल नी सइयों नी मैं भजदी सी जंगलां पहाड़ियां नी मैं भजदी सी मंदिरां ते माड़ियां अन्दर बैठे ने आया न ख्याल नी सइयों सत्गुरु पाया…. औखे वेले नू जदो वी पुकारिया, बाँह फड़ … Read more