सड़कों पर सम्भल कर कविता
गलियों-बाजारों में सड़कों पर, घूमते-फिरते हैं जानवर, कितने ही आवारा। गाय, सांड, सूअर, कुत्ते आदि, इनसे बचना है काम तुम्हारा। बीच सड़क में पसरे रहते हैं, एक-दूसरे से गुत्थमागुत्था होते हैं। अचानक किसी ओर दौड़ पड़ते हैं, राहगीरों को जख्मी करते हैं। देख-संभल कर बच कर चलना, अपनी सुरक्षा स्वयं ही करना । – ओम … Read more