Oh Mere Bhole – ओ मेरे शंकर बोलो तुम हो कहाँ

Oh Mere Bhole – ओ मेरे शंकर, बोलो तुम हो कहाँ दिव्य कुंडल हार मुज्वल,मस्तकोज्वल लोलितम् , गाढ़ कुंतल नेत्रमुज्वल,चंद्रशीतल भाषितम्, हस्तनिर्मल दंडत्रिशूल, भाले कोमल धारीतम् ,हे शिवा पति पार्वती पति,त्राहिमाम् सागरम् ,हूँ खोजाता अपने प्रभु को,है कहाँ ना ज्ञान है, भोला मेरा भोला ही है, पर सब में वो ही महान है, त्रिनेत्र माथे … Read more