shiv status or Shayri
जीता हूँ शान से ,भोलेनाथ तेरे नाम से ..🙏🙏
कैसे कह दूँ कि मेरी, हर दुआ बेअसर हो गई, मैं जब जब भी रोया, मेरे भोलेनाथ को खबर हो गई ।
कोई दौलत का दीवाना, कोई शोहरत का दीवाना, शीशे सा मेरा दिल, मैं तो सिर्फ महादेव का दीवाना…हर हर महादेव
अपने जिस्म को इतना न सँवारो,यह तो मिट्टी में ही मिल जाना है, सँवारना है तो अपनी रूह को महाँकाल का नारा लगा के, दुनिया जहाँ होगी मेरे महादेव की सँवारो, क्योंकि उस रूह को ही महाकाल के पास जाना है..!
बैठा है शमशान में वो लिये कपाल,साथ डमरू त्रिशूल है और जटा विशाल,भैरव गोरख अघोर नागा और पूजे चांडाल..!! महाकाल
मै हम छा गये,दुश्मन भी छुपकर बोले वो देखो महाँकाल का भक्त आ गया ..जयश्री महाकाल
कृपा जिनकी मेरे ऊपर, तेवर भी उन्हीं का वरदान है,शान से जीना सिखाया जिसने महाकाल उनका नाम है
करूँ क्यों फ़िक्र की मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी,जहाँ होगी महादेव की महफिल मेरी रूह वहाँ मिलेगी..!
ना जाने किस भेष में आकर काम मेरा कर जाता है,मैं जो भी माँगू मेरा महादेव वो मुझको चुपके से दे जाता है..!
चिलम के धुंये में हमखोते चलेगये, बाबा होश में थे, मदहोश होते चले गये,जाने क्या बात है, महादेव के नाम में न चाहते हुये भी उनके होते गए..!
कोई मुजसे मेरा सब कुछ छीन सकता है पर महाकाल की दीवानंगी….मुझसे कोई नही छीन सकता.
तकलीफ ऐसी कोई बात नही,तेरी भक्ती से ही पहचान है मेरी ,वरना मेरी कोई औकात नही…!
तन की जाने, मन की जाने, जाने चित की चोरी,से उस महाकाल से क्या छिपावे जिसके हाथ है सब की डोरी जय। .श्री महाकाल
लोग कहते हैं किसके दम पे उछलता है तू इतना,
मैंने भी कह दिया जिनकी चिलम के हुक्के की दम पर चल रही ये दुनिया है,
उन्हीं महाँकाल के दम पे उछलता ये बंदा है..!
मै सुल्तान नही हू, जो पिट पिट कर Winner बनु,
मै महाकाल का भक्त हू< एक ही बार मे स्वाहा करू..महाकाल
महाकाल तेरी मेरी प्रीत पुरानी, शक की ना गुंजाइश है. रखना हमेशा चरणों में ही, छोटी सी ये फरमाइश है..! #महाकाल तुम से छुप जाए मेरी
दिल में न जाने कैसे तेरे लिए इतनी जगह बन गई,तेरे दीदार की हर छोटी सी चाह मेरे जीने की वजह बन गई।
तेरी चौखट पे सर रख दिया हैं, भार मेरा उठाना पड़ेगा, मैं भला हूँ बुरा हूँ मेरे महाकाल मुझको अपना बनाना पड़ेगा..🙏🙏
ना पूछो मुझसे मेरी पहचान, मैं तो भस्मधारी हूँ, भस्म से होता जिनका श्रृंगार मैं उस भोलेनाथ का पुजारी हूँ..🙏🙏
महादेव महा एकाकी जिसके लिए जगत हैं झांकी🙏🙏
वही शुन्य हैं वही इकाई जिसके भीतर बसा शिवाय ।ना चिंता ना भय हो, भोले नाथ आपकी जय हो।..🙏🙏
मैं आग हूँ, मैं राख हूँ, मैं पवित्र राष हूँ, मैं पंख हूँ मैं श्वाश हूँ मैं ही हाड़ माँस हूँ, मैं ही आदि अनन्त हूँ मैं शिव हूँ।
मेरे नयनो मे दर्शन हो नयनो मे इतने चाह देना,मेरे हृदय मे वास हो हृदय मे इतना प्रेम देना,मेरे मस्तक में भाव हो मस्तक मे इतना ज्ञान देना।
निराश नहीं करते बस एक बार सचे मन से भोले शंकर से फ़रियाद करो जय भोले जय भंडारी तेरी हैं महिमा न्यारी ।..🙏🙏
कहाँ से लाऊं वो शंख जो भोले को सुनाई दे,सुबह सवेरे लोग निहारे अपनी सूरत, मुझे तो बस महादेव ही दिखाई दे।..🙏🙏
हर आरम्भ का मैं ही अंत हर अंत सदैव मेरा ही आरम्भ होगा, मैं केवल शिव ही नही सदाशिव हूँ।..🙏🙏
कभी तो मिलेगें महादेव हम-प्रयास निरन्तर जारी हैं, हल्के में मत लेना भोलेनाथ आपके भक्तों की आशिकी भी बडी न्यारी हैं।
दुनिया की इश्क मोहब्बत सब धोखेबाजी हैं,अपने लाइफ में तो सिर्फ भोलेनाथ और मम्मी पापा का प्यार ही काफी हैं।
ॐ में ही आस्था, ॐ में ही विश्वास,ॐ में ही आस्था, ॐ में ही विश्वास, ॐ में ही शक्ति, ॐ में ही सारा संसार, ॐ से होती हैं अच्छे दिन की शुरुवात, बोलो ॐ नमः शिवाय !!..🙏🙏
वोही अमर हैं, और प्रत्येक मृत्यु में वोही मरते भी हैं,
महापर्वत हैं वो और सूक्ष्म तृण भी वही हैं, बंधन हैं वो और मुक्ति भी वहीं हैं ।
कल एक दोस्त बोला पार्टी दे दे,अरे भाई पार्टी तो लड़किया दिया करती हैं हम तो भोले के भक्त हैं, भंडारा किया करते हैं ।।
हे मेरे भोलेनाथ, सुख देना तो बस इतना देना कि मन में ” अहंकार” ना आ जाये और दुःख देना तो बस इतना देना कि “आस्था” ना चली जाये।
मिलावट हैं भोलेनाथ तेरे इश्क में, इत्र और नशे की तभी तो मैं थोड़ा महका हुआ और थोड़ा बहका हुआ हूँ।
बैठा हैं शमशान में वो लिये कपाल, साथ डमरू त्रिशूल हैं और जटा विशाल,भैरव गोरख अघोर नागा और पूजे चांडाल।
तमनाओं की महफ़िल तो हर कोई सजाता हैं,मगर पूरी उसकी ही होती हैं जिसके सर पर भोलेनाथ का हाथ होता हैं।
चिलम के धुंये में हम खोते चले गये, बाबा होश में थे, मदहोश होते चले गये,जाने क्या बात हैं, महादेव के नाम में न चाहते हुये भी उनके होते गए।
महफिल को महादेव सजाते हैं, आते हैं वो जिनको मेरे महादेव बुलाते हैं
जिनका भरी दुनिया मे कोई भी नहीं उनको भी मेरे महादेव सीने से लगाते हैं।
मौत की गोद में सो रहे हैं, धुंए में हम खो रहे हैं,महाकाल की भक्ति हैं सबसे ऊपर शिव शिव जपते जाग रहे है, सो रहे हैं।
भक्ति ऐसी धड़कन बन जाए साँस आए तो नाम शिव का आए, शिव भक्ति का नशा ऐसा छा जाए बंद हो आँखें भी तो नज़र मेरे भोलेनाथ ही आए ।
शिव भुल जाए मेरी तकलीफ कोई गम नही,तुम्हारी श्रद्धा की मेरी पहचान हैं, इसके बिना दुनिया में मेरी कोई ओकात नही ।
सभी कारणो के प्रमुख कारण, महायोगी, वैरागी निराकार, निर्गुण, सुंदरता की परिभाषा, और आकर्षण की पराकाष्ठा ऐसे मेरे
लगाते हैं।