जब याद तुम्हारी शामां आती है इक अजब नज़ारा होता है
जब याद तुम्हारी शामां आती है, इक अजब नज़ारा होता है
आँखों में आंसू होते हैं, दिल दर्द का मारा होता है।.
1.तेरा प्यार छिपाये सीने में, इस पार तड़पती रहती हूँ
जी चाहता है इस पार मिलूं, पर दूर किनारा होता है
जब याद तुम्हारी शामां आती है…….
2.जब याद तुम्हारी आती है, वह जाती हूँ तूफानों में
मझधार में गोते खाकर भी, इक तेरा सहारा होता है
जब याद तुम्हारी शामां आती है……
3.कुछ मैं आऊँ, कुछ तुम आओ
अब आगे आना मुश्किल है
जल्दी से आ जाओ शामां, अब ध्यान तुम्हारा होता है
जब याद तुम्हारी शामां आती है…….. 1