fat ko control
फैट का बुरा असर
फैट के कारण फिगर तो खराब होती ही है, हैल्थ पर भी इस का बुरा असर पड़ता है। बढ़ते फैट से शरीर के जो हिस्से सब से ज्यादा प्रभावित होते हैं, वे हैं पेट, कमर व जांघें।
fat ko control or काबू में कर खोई फिटनैस दोबारा पाने के लिए अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में ये बदलाव लाना जरूरी हैः
• लो फैट डाइट स्नैक को अवॉइड करें। ये सभी प्रीपैक्ड प्रोडक्ट होते हैं, जिन में भरपूर मात्रा में कैमिकल्स, रिफाइंड शुगर, साल्ट, प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं ताकि उस में फ्लेवर आ सके।
• जो भी खाएं फ्रैश खाएं। फिर चाहे वह फिश हो, अंडा हो, स्लाइस मीट हो या फिर ग्रिल्ड चिकन ।
यदि पेट पर ज्यादा फैट जमा हो गया है और खाना भी सही समय पर नहीं पचता तो इन टिप्स को आजमाएं:
- ज्यादातर महिलाओं के सोने का तरीका हमेशा गलत होता है, जिस की वजह से भूख को नियंत्रित करने और पाचिनक्रया को ठीक रखने वाले हारमोन गड़बड़ा जाते हैं।
- यही वजह है कि जब वे थकी होती हैं तो बहुत ज्यादा भूख महसूस करती हैं और खूब खा लेती हैं, जिस की वजह से बेवजह फैट बढ़ता है। इसलिए रात को सोने से पहले चायकॉफी न पीएं और अच्छी नींद के लिए कुछ रिलैक्सेशन जैसे लंबी गहरी सांसें लेना जैसी एक्सरसाइज करें और सही पोस्चर के साथ नींद लें।
- मैग्नीशियम से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। नट्स और साबूत अनाज २ खाएं। मैग्नीशियम दिमाग को शांत रखता है र और स्ट्रैस को रिलीज करता है, इसलिए अपने ब भोजन में मैग्नीशियम को जगह जरूर दें।
- ● बैलेंस डाइट और नियमति एक्सरसाइज करने से आप अपना वजन कंट्रोल कर सकती हैं।
- => रोज एक ही तरह का भोजन, न खाएं। उस में बदलाव करती रहें। यहां तक कि एक ही ऑयल लंबे समय तक यूज न करें। तेल का बैंड बदलती रहें।
- डब्बाबंद जूस के बजाय घर पर ही फ्रैश गाजर, अनार, मौसंबी का जूस निकाल कर पीएं।
- ● पेट के निचले भाग के फैट को घटाने के लिए रोज 7-8 गिलास पानी पीएं। इस से शरीर की गंदगी बाहर निकलेगी और आप का मैटाबोलिज्म बढ़ेगा।
=> भोजन में नमक की मात्रा कम करें।
- चीनी की जगह शहद का सेवन करें।
- सुबह की चाय या कॉफी में दालचीनी पाऊडर डाल कर शुगर को कंट्रोल कर सकती हैं।
=> भूख लगने पर संतरे खाएं। इस से भूख भी खत्म होगी और आप मोटी भी नहीं होंगी।
=> अपने दिमाग से यह निकाल दें कि जितनी ज्यादा एक्सरसाइज करेंगी उतनी जल्दी पतली होंगी। ज्यादा नहीं बल्कि सही एक्सरसाइज करनी जरूरी है।
• फैट कम करने के लिए सिर्फ एक्सरसाइज करना ही काफी नहीं है, बल्कि उस के साथ अपनी डाइट पर भी ध्यान देना जरूरी है।
सुबह के नाश्ते में ओट्स विद वैजीटेबल आप के लिए सब से अच्छा नाश्ता है, क्योंकि इस से पेट भी भरेगा और बहुत सा फाइबर भी बॉडी में जाएगा।
fat ko control करने के लिए कुछ जरूरी बातें :-
लम्बे समय तक भूखा रहना
अधिकतर लोग सोचते हैं कि डाइटिंग का अर्थ भूखा रहना या बेहद कम खाना होता है। जबकि वास्तविकता इससे भिन्न है। जो लोग लंबे समय तक भूखे रहते हैं, उनका वजन कम होने के स्थान पर बढ़ने लगता है
क्योंकि भूखे होने की स्थिति में व्यक्ति कुछ भी उल्टा-सीधा खा लेता है, जिससे उसका कैलोरी काऊंट बढ़ जाता है। इसलिए आप भूखे रहने
के स्थान पर हैल्दी इटिंग पर जोर दें। जिससे आपको भूख भी न लगे, आप खुद को फिट व एनर्जेंटिक महसूस करें और साथ ही आपका वजन भी तेजी से कम हो।
एक ही भोजन
जो लोग डाइटिंग करते हैं, वह हैल्दी ऑप्शन तो रखते हैं लेकिन उसमें वैरायटी को प्राथमिकता नहीं देते। जिसके कारण हर दिन एक जैसा भोजन करने से उबाऊपन महसूस होता है
और व्यक्ति जल्द ही अपने पहले वाली डाइट पर आ जाता है या फिर फूड क्रैविंग्स को शांत करने के लिए बाहर का कुछ भी खा लेता है।
इसलिए बेहतर होगा कि आप हर मील में अपने लिए वैरायटी रखें जैसे अगर आज आपने नाश्ते में पोहा बनाया है तो अगले ही उपमा व उससे अगले दिन दलिया बनाएं। इससे आपको एकरसता महसूस नहीं होगी।
लंबे समय का साथी
डाइटिंग करने का एक सबसे महत्त्वपूर्ण नियम होता है,
जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज करते हैं। दरअसल, जब लोग वजन कम करने की फिराक में होते हैं तो वह अपनी इटिंग हैबिट्स में काफी बदलाव करते हैं।
बेहद सीमित मात्रा में और हैल्दी फूड ही खाते हैं लेकिन एक बार गोल्स हासिल करने के बाद वह पहले की तरह उल्टा-सीधा खाते हैं। जिसके कारण उनका वजन फिर से बढ़ने लगता है।
ऐसे में लोग निराश हो जाते हैं। इसलिए हमेशा डाइटिंग के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि आपकी डाइट ऐसी होनी चाहिए, जिसे आप ताउम्र फॉलो कर सकें। डाइटिंगका अर्थ सिर्फ वजन कम करना ही नहीं होता, बल्कि एक प्रॉपर डाइट आपको हैल्दी व एनर्जेंटिक भी बनाती है।
मॉड्यूल करें डाइट
कुछ लोगों के सिर पर वजन कम करने का भूत कुछ इस कदर सवार होता है कि वह कुछ दिनों के लिए अपनी डाइट पूरी तरह बदल देते हैं।
लेकिन एकदम से किया गया बदलाव आपका शरीर स्वीकार नहीं करता और न ही लोग दो-चार दिन से ज्यादा उस डाइट को फॉलो कर पाते हैं। इसलिए कभी भी डाइट को पूरी तरह चेंज करने के स्थान पर उसे अपनी इटिंग हैबिट्स को ध्यान में रखते हुए माड्यूल करें।
मसलन, अगर आपको नाश्ते में नमकीन-बिस्कुट खाने की आदत है तो आप उसे रोस्टेड ड्राई नमकीन व डाइजैस्टिव फाइबर वाले बिस्कुट से स्विच करें। ठीक इसी तरह अपने लंच या डिनर में आप महज एक रोटी कम करें और उसकी पूर्ति के लिए सब्जी व सलाद को अधिक रखें ताकि आपका पेट भरा रहे और आपको भूख का अहसास न हो।
यह छोटा-सा बदलाव भी आपको हैल्दी तरीके से वजन कम करने में मददगार होगा। याद रखिए कि बड़े बदलाव की शुरुआत हमेशा छोटे कदमों से ही होती है।