थासु बांधी प्रीत ओ बाबा अब यूँ ना बिसराओ जी
थासु बांधी प्रीत ओ बाबा, अब यूँ ना बिसराओ जी, एक अरज है थासु बाबा, हिवड़े से लगाओ जी, नाकोड़ा रा भेरूजी, थे पलका में बस जाओ जी, दर्श बिना अब चेन न आवे, अब तो दर्श दिखावो जी, अब तो दर्श दिखावो जी। थासू बांधी प्रीत की डोरी, ज्यू चंदा के संग चकोरी राज, … Read more