अमूल्य स्वांस – तुम्हारे स्वांस कहाँ खर्च हो रहे हैं?
परमसन्त श्री कबीर साहिब जी अमूल्य स्वांस – परमसन्त श्री कबीर साहिब जी कपड़ा बुनने का काम करते थे। एक दिन उन्होंने अपने परिवार से कहा अब मुझसे संसार का यह झूठा धंधा नहीं होता। वे कहा लगे कि सुबह जो तानी से नली को निकालने के लिए फूंक देनी पड़ती है, मेरा वह स्वांस … Read more