परमात्मा आनन्दरूप है – आनंद का सवरूप क्या है ?
परमात्मा आनन्दरूप है। मन्दिर में श्रीरामजी का दर्शन करते हो, उस समय शायद तुमको ऐसा लगता है कि जैसे मेरे हाथ-पैर हैं, वैसे ही हाथ-पैर ठाकुरजी के भी हैं l ‘कर्मणा निर्मितो देहः। किन्तु परमात्मा स्वयं की इच्छा से या भक्तों की इच्छा से शरीर धारण करते हैं। परमात्मा का शरीर पञ्चमहाभूतों का बना हुआ … Read more