जुदा सारे जहान से होती है आशिकों की राह
कविता जुदा सारे जहान से होती है आशिकों की राह । हठ छोड़कर बढ़ते रहते बिना चिंता और चाह । मुर्शिद के सिवा न करते वे किसी की परवाह । सामी वे सदा ही करते मालिक की वाह वाह । 2. आशिक कहलवाना है तो दे तन की सुध भुला । सतगुरु को कर सिर … Read more