असली सौदागर कौन होते है ?

असली सौदागर तन मन धन से सत्पुरुषों की सेवा कमा कर जो आत्मिक पूँजी एकत्र की जाती है वही वास्तव में असली पूँजी व असली सौदा है और वक्त के पूर्ण महापुरुष इस सौदे के असली सौदागर होते हैं। तन मन के साथ साथ धन की सेवा का भी अपना विशेष महत्त्व है। कहा भी … Read more

पावन करता है रूह को सत्पुरुषों का सत्संग

कविता- पावन करता है रूह को पावन करता है रूह को सत्पुरुषों का सत्संग। बना ले इसको अपने जीवन का ज़रूरी अंग । कर दर्पण साफ मन का चढ़ा के प्रेम का । सतगुरु से सीख ले जीवन को जीने का ढंग । 2. इक पल साधु के संग से पूर्ण हुए सब काज पाप … Read more

सिर तो देना ही पड़ेगा

सिर तो देना ही पड़ेगा – कविता 1. सिर तो देना ही पड़ेगा काल को या दयाल को । प्रेम में जा समावें सौंपें जो आपा किरपाल को । मन मंदिर में बिठा लेते वे सच्ची सरकार को।अमर पद को पा जाते पकड़कर श्री चरणार को । 2. बने जो दास सत्पुरुषों का छूट जाए … Read more

भक्त अजामिल की कथा

भक्त अजामिल ने नाम के प्रताप से मुक्ति प्राप्त करके अपने जीवन को सकारथ किया। भक्त अजामिल की कथा इस प्रकार है। भक्त अजामिल एक ऊँचे ब्राह्मण कुल में पैदा हुए थे। उत्तम ब्राह्मण कुल और ऊँची जाति के धनवान खानदान की सन्तान होते हुए भी अजामिल अपनी यौवनावस्था में बुरी संगति के शिकार हो … Read more

REAL IDENTITY

REAL IDENTITY – To begin this article, let us ask ourselves, a question: Who are we? There are two possible answers: we are human bodies  or we are something else within the human bodies. While looking at the words, there is not much difference between the two statements. However, our vision for our life completely … Read more

अमृत नाम देकर जीव को ले जाते निजधाम

कविता – अमृत नाम देकर अमृत नाम देकर जीव को ले जाते निजधाम । केवल पूर्ण सतगुरु ही हैं जो करते सरल मुकाम। मुक्त करते यम के त्रास से जो लेवे दामन थाम । इन जैसा उपकारी न कोई इनकी महिमा महान। 2. जिस जिस जीव ने पूरे सतगुरु की टेक है धारी। कलह कल्पना … Read more

जुदा सारे जहान से होती है आशिकों की राह

कविता जुदा सारे जहान से होती है आशिकों की राह । हठ छोड़कर बढ़ते रहते बिना चिंता और चाह । मुर्शिद के सिवा न करते वे किसी की परवाह । सामी वे सदा ही करते मालिक की वाह वाह । 2. आशिक कहलवाना है तो दे तन की सुध भुला । सतगुरु को कर सिर … Read more

हउमै की आग में जिसने स्वयं को है जारा- कविता

1. हउमै की आग में जिसने स्वयं को है जारा खोकर सुख व चैन फिरता वह मारा मारा । मालिक के वचनों पर जिसने सर्वस्व वारा । छुटकारा पा गमों से जीवन उसने सँवारा । 2. तलबगार है अगर तू सतगुरु की मेहर का । तो देना होगा दिल से सारी हउमै को मिटा । … Read more

सतगुरु जी ने राग द्वेष का परदा दूर किया

कविता- सतगुरु जी ने राग द्वेष का परदा सतगुरु जी ने राग द्वेष का परदा दूर किया । कर इनायत ज्ञान की रोशनी से भरपूर किया । दर्शन की प्यासी आँखों को अपना सरूर दिया । चढ़ा नाम की मस्ती प्रेम के नशे में चूर किया । 2. इन्द्रियां विषय भोगों से सहज ही हो … Read more

सतगुरु सदैव अंग संग हैं

सतगुरु सदैव अंग संग हैं सद्गुरु को सदा अंग संग समझना ही रूहानियत का सर्वश्रेष्ठ गुण है। जिस प्राणी में यह गुण परिपक्व हो जाता है, वह पाप कर्मों से बचा रहता है। एक छोटा सा दृष्टांत है- एक बार किसी सन्त ने अपने सेवक को एक पक्षी दिया और उसे हुकम किया कि इसे … Read more

ETERNAL JOY – Why have they not obtained joy yet?

ETERNAL JOY Joy is an invaluable gift given by God to every human. It is the true and natural state of the soul. However, humanity has lost and forgot this state by indulging itself in the materialistic world, worldly relations, and sensual pleasures. It has been seen that humans wander from town to town, country … Read more

सत्य की राह – सच की नाव हिले ,पर कभी न डूबे।

सत्य की राह सुखमनी साहिब में वर्णन आया है जिस के अंतरि बसै निरंकारु ॥ तिस की सीख तरै संसारु ॥ जिसके मन में कर्ता धर्ता परम पिता परमेश्वर का वास होता है उसके द्वारा दर्शाए गए मार्ग पर चलकर दुनिया राहत व चैन प्राप्त करती है। जिन्हें गुरु दरबार की बैठक मिली है और … Read more