मूली के फायदे पेट से जुड़ी हर बीमारी के लिए वरदान है मूली

मूली के फायदे मूली को अक्सर सलाद या अचार के रूप में खाया जाता है। लेकिन ज्यादातर लोग मूली को पसंद-नापसंद के हिसाब से खाते हैं। अगर आप मूली को बेकार समझकर नहीं खाते तो इसके फायदे जान लें। जिसे जानने के बाद आज से ही खाना शुरू कर देंगे। मूली में कई सारे जरूरी … Read more

जब टूटा शनिदेव का अंहकार

शनिदेव त्रेतायुग में एक बार बारिश के अभाव से अकाल पड़ा। तब कौशिक मुनि परिवार के लालन-पालन के लिए अपना गृहस्थान छोड़कर अन्यत्र जाने के लिए अपनी पत्नी और पुत्रों के साथ चल दिए। फिर भी परिवार का भरण-पोषण कठिन होने पर दुःखी होकर उन्होनें अपने एक पुत्र को बीच राह में ही छोड़ दिया।वह … Read more

धर्मराज युधिष्ठिर

धर्मराज युधिष्ठिर पांडु का ज्येष्ठ पुत्र था। धर्मराज द्वारा कुंती के आह्वान पर बुलाए जाने पर उनके अंश से ही यह पैदा हुआ था, इसलिए धर्म और न्याय इसके चरित्र में कूट-कूटकर भरा था। इसी के कारण इसको धर्मराज युधिष्ठिर पुकारा जाता था। वह कभी असत्य नहीं बोलता था, तभी शत्रु पक्ष के लोग भी … Read more

कृष्ण रूक्मणी विवाह कथा

कृष्ण रूक्मणी विदर्भ के राजा भीष्मक की कन्या रूक्मिणी थी, रूक्मिणी के भाई थे रूक्म। रूक्म अपनी बहन की शादी शिशुपाल से करना चाहता था परंतु देवी रूक्मणी अपने मन में श्री कृष्ण को पति मान चुकी थी। अतः देवी रूक्मणी ने श्री कृष्ण को एक पत्र लिखा । पत्र प्राप्त कर श्री कृष्ण विदर्भ … Read more

मायावी घटोत्कच

मायावी घटोत्कच भीमसेन का विवाह हिडिंबा नाम की एक राक्षसी के साथ भी हुआ था। वह भीमसेन पर आसक्त हो गई थी और उसने स्वयं आकर माता कुंती से प्रार्थना की थी कि वे उसका विवाह भीमसेन के साथ करा दें। कुंती ने उस विवाह की अनुमति दे दी, लेकिन भीमसेन ने विवाह करते समय … Read more

शनिदेव पर तेल क्यों चढ़ाते हैं?

शनिदेव आनंद रामायण की एक कथा के अनुसार लंका पर चढ़ाई के लिए समुद्र पर बांधे गए पुल की सुरक्षा का भार हनुमानजी को सौंपा गया था। हनुमानजी रात में भगवान राम का ध्यान करते हुए पुल की रक्षा कर रहे थे कि वहां शनिदेव आ पहुंचे और उन्हें व्यंग्यबाणों से परेशान करने लगे। हनुमानजी … Read more

राधा-कृष्ण

राधा-कृष्ण सतयुग और त्रेता युग बीतने के बाद जब द्वापर युग आया तो पृथ्वी पर झूठ, अन्याय, असत्य, अनाचार और अत्याचार होने लगे और फिर प्रतिदिन उनकी अधिकता में वृद्धि होती चली गई। अधर्म के भार से पृथ्वी दुखित हो उठी| उसने ब्रह्मा, विष्णु और शिव के पास पहुंचकर प्रार्थना की कि वे उसे इस … Read more

हनुमान जी और भीम

हनुमान जी और भीम -भीम को यह अभिमान हो गया था कि संसार में मुझसे अधिक बलवान कोई और नहीं है। सौ हाथियों का बल है और भगवान उसमें, उसे कोई परास्त नहीं कर सकता…. अपने सेवक में किसी भी प्रकार का अभिमान रहने नहीं देते| इसलिए श्रीकृष्ण ने भीम के कल्याण के लिए एक … Read more

संक्षिप्त हनुमान कथा

संक्षिप्त हनुमान – हनुमान जी का जन्म त्रेता युग मे अंजना (एक नारी वानर) के पुत्र के रूप मे हुआ था। अंजना असल मे पुन्जिकस्थला नाम की एक अप्सरा थीं, मगर एक शाप के कारण उन्हें नारी वानर के रूप मे धरती पे जन्म लेना पड़ा। उस शाप का प्रभाव शिव के अन्श को जन्म … Read more

शनी की महत्ता

शनी की महत्ता – एक समय स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न कोलेकर सभी देवताओं में वाद-विवाद प्रारम्भ हुआ औरफिर परस्पर भयंकर युद्ध की स्थिति बन गई। सभी देवता देवराज इंद्र के पास पहुंचे और बोले, से देवराज! आपको निर्णय करना होगा कि नौ ग्रहों में सबसे बड़ा कौन है? देवताओं का प्रश्न सुनकर … Read more

दुरात्मा कीचक

दुरात्मा कीचक द्रौपदी के साथ पाण्डव वनवास के अंतिम वर्ष अज्ञातवास के समय में वेश तथा नाम बदलकर राजा विराट के यहां रहते थे। उस समय द्रौपदी ने अपना नाम सैरंध्री रख लिया था और विराट नरेश की रानी सुदेष्णा की दासी बनकर वे किसी प्रकार समय व्यतीत कर रही थीं| परस्त्री में आसक्ति मृत्यु … Read more

अर्जुन-कृष्ण युद्ध कथा

अर्जुन-कृष्ण युद्ध एक बार महर्षि गालव जब प्रातः सूर्यार्घ्य प्रदान कर रहे थे, उनकी अंजलि में आकाश मार्ग में जाते हुए चित्रसेन गंधर्व की थूकी हुई पीक गिर गई। मुनि को इससे बड़ा क्रोध आया। वे उसे शाप देना ही चाहते थे कि उन्हें अपने तपोनाश का ध्यान आ गया और वे रुक गए। उन्होंने … Read more