मेरे हृदय का बाग खिला नाकोड़ा दरबार मिला लिरिक्स
मेरे हृदय का बाग खिला नाकोड़ा दरबार मिला तर्ज – जमाई राजा राम मिला। मेरे हृदय का बाग खिला, नाकोड़ा दरबार मिला, ओ दादा तेरा द्वार मिला, ओ नाकोड़ा दरबार मिला ।। बीच पहाड़िया में दर तेरा सोहे, तीर्थों में तीर्थ बड़ा मन को मोहे, मालाणी की गोद में पला, नाकोड़ा दरबार मिला।। पार्श्व प्रभु … Read more