मेरे दाता ने जीन दा ढंग सिखाया,सारे जग दी रंगत लेह गई
मेरे दाता ने जीन दा ढंग सिखाया-२
मेरे साहब ने जीन दा ढंग सिखाया-२
सारे जग दी रंगत लेह गई -जय हो
झूठे जग दी रंगत लेह गई,अपना रंग चढ़ाया
मेरे दाता ने जीन दा ढंग सिखाया
1. तेरी शरण विच आन तो पहला की सी जिंदगी मेरी-२
तेरी रहमत होई मेरे ते बन गई बिगड़ी मेरी-२
तेरी किरपा दे सदके ही बन गई मेरी काया…
मेरे दाता ने जीन दा ढंग सिखाया
2. जद मेरे विच मैं मेरी सी,कुज नहीं सी मेरे पल्ले-२
अपने आप नूं भूल गई जद, हो गए भाग सवल्ले-२
तू ही तू दा पाठ पढ़ा के सच दा भेद बताया…
मेरे दाता ने जीन दा ढंग सिखाया
3. ऐसी छेड़ी प्रेम कहानी भूल गई दुनिया सारी-२
अपने प्रेम दी लगन लगा के कट्टी सकल बीमारी-२
तेरा तेरा कहे यह जीभा ऐसा आनंद पाया…
मेरे दाता ने जीन दा ढंग सिखाया
4. गल्ला गल्ला विच गल होवे तेरी जीवन साथी मेरे-२
स्वाँस स्वाँस विच सिमरन तेरा प्राण प्यारे मेरे-२
दुनिया दे सब रंग ने छुट्टे तेरे प्यार दा गहना पाया…
मेरे दाता ने जीन दा ढंग सिखाया