यूट्यूब से पैसे कमाने का तरीका How to Earn Money From Youtube in hindi
इन्टरनेट इक्कीसवीं शताब्दी ऑडियो- विसुअल दौर है। इस दौर की सबसे बड़ी क्रांति है। इसकी सहायता से अपनी बातें बहुत ही आसानी से लोगों तक पहुंचाई जा सकती है। इसका इस्तेमाल अपनी कला और अपने हुनर को लोगों तक पहुँचाने के भी लिए भी है।
कई तरह के ऐसे सोशल साइट्स मौजूद हैं, जो इस तरह के कामों में ख़ूब मददगार होते हैं। धीरे धीरे ये एक बहुत बड़ा माध्यम बन गया है। इन्हीं माध्यमों में यूट्यूब की अहम् भूमिका बन चुकी है। इसकी सहायता से लोग बहुत बड़े और ऊँचे ख़्वाबों तक पहुँचने रहे हैं। इस तरह यूट्यूब लोगों की कमाई का ज़रिया बन रहा हैं। इससे कमाए गये पैसों द्वारा लोग की बहुत आराम से उनकी ज़िन्दगी कट रही है। कई लोगों की चाह और सपना है कि वो अच्छे यूट्यूबर बने।
यूट्यूब है क्या (What is youtube)
दरअसल यूट्यूब एक तरह का सोशल साइट्स ही है, जिसके मुख्य फीचर ‘वीडियो’ है। इस साईट में लगभग हर तरह के वीडियो हर तरह की फ़िल्में शामिल होती हैं, जिन्हें इन्टरनेट के ज़रिये कभी भी चलाया जा सकता है जिसे देख कर उसका आनंद लिया जा सकता है। ये अमेरिका के सैन ब्रूनो में स्थित वीडियो शेयरिंग वाली वेबसाइट है। ये लगभग 14 फ़रवरी 2005 को अस्तित्व में आया था।
अभी इसका महत्व और इस्तेमाल बहुत अधिक बढ़ गया है। ये गूगल के सहायक कंपनी के पक्ष पर काम करता है। यूट्यूब पर कोई भी आम आदमी आसानी से अपना ख़ास चैनल बनाकर वीडियो अपलोड, पोस्ट, रेट, शेयर, रिपोर्ट आदि कर सकता है। यदि किसी का कोई पसंदीदा टीवी डेली एपिसोड / episode छूट जाता है, तो वह अपने समय के हिसाब से बहुत आसानी से वो छुटा हुआ एपिसोड कभी भी देख सकता है।
यूट्यूब की सबसे अच्छी बात ये है कि इसे चलाने ने लिए कोई ख़ास पंजीकरण या अकाउंट नहीं बनाना होता, हाँ यदि वीडियो केवल वयस्कों के लिए हो तो इसके लिए वयस्क होने का प्रमाण अपनी ई- मेल आई डी देकर दिया जा जाता है। इस वेबसाइट पर अलग-अलग तरह के टीवी शो जैसे कि रियलिटी शो, म्यूजिक वीडियो, शोर्ट फ़िल्में, डाक्यूमेंट्री फ़िल्में, ऑडियो रिकॉर्डिंग्स, लाइव परफॉरमेंस, मूवी ट्रेलर आदि अपलोड किये हुए होते हैं।
यूट्यूब के इतिहास पर एक नज़र (Youtube history)
यूट्यूब, चैड हर्ले, स्टीव चैन और जावेद करीम द्वारा स्थापित की गई कंपनी है। ये तीनों पहले ‘पेपल’ में कार्यरत रहे हैं। इंडिआना यूनिवर्सिटी से हर्ले ने डिज़ाइन की एवंइलेनॉइस यूनिवर्सिटी से चैन और जावेद ने कंप्यूटर साइंस की पढाई की।
इनकी अक्सर एक घटना का ज़िक्र बार बार मीडिया में आया है। इसके अनुसार चैन के अपार्टमेंट में एक पार्टी के दौरान दोनों दोस्तों ने कुछ वीडियो शूट किया था, लेकिन वे वीडियो किसी और के साथ शेयर नहीं कर पा रहे थे। इसी समस्या को सुलझाने के लिए दोनों को वीडियो सबसे शेयर करने की एक ऐसी तरकीब दिमाग में आई, जो बाद में यूट्यूब के रूप में सबके सामने आई।
करीम के मन में ये विचार सन 2004 में जेनेट जैक्सन के ‘सुपर बाउल इंसिडेंट’ और 2004 में हिन्द महासागर में आये सुनामी के दौरान का विचार आया। असल में करीम को दोनो में से किसी का भी वीडियो क्लिप नहीं मिल रहा था, वीडियो न मिल सकने के कारण उसने एक ऐसी वेबसाइट के बारे में सोचा जिसकी सहायता से वीडियो का बहुत आसानी से शेयर हो सके।
वैसे चैन और हर्ले को यूट्यूब का ओरिजिनल आईडिया एक ऑनलाइन डेटिंग सर्विस वेबसाइट और ‘हॉट और नोट” को देख कर दिमाग में आया था। इस कम्पनी को बहुत बड़े बजट के साथ शुरू किया गया था। इसकी शुरुआत नवम्बर 2005 से अप्रैल 2006 के बीच लगभग 11 मिलियन डॉलर से हुई थी।
इसका शुरूआत में हेड क्वार्टर कैलिफ़ोर्निया के सैन मटो में स्थित एक जापानी रेस्टोरेंट के ऊपर था और शुरूआती डोमेन नाम www.youtube.com था, इसकी शुरुआत 14 फ़रवरी 2005 को हुई थी। इसका वेबसाइट का पहला वीडियो ‘मी एट द जू’ था, जिस वीडियो में कंपनी के संस्थापकों में से एक जावेद करीम, सैन डिएगो के एक चिड़ियाघर में देखे जाते हैं।
ये वीडियो 23 अप्रैल 2005 को वेबसाइट पर अपलोड किया था, जिन्हें अब भी बहुत दिलचस्पी से देखा जाता है। इसी साल मई के महीने के आस- पास इसमें ऐसे फीचर शामिल किए गये, ताकि आम लोग भी आसनी से वीडियो देख सकें। इस वेबसाइट पर नाइक का एक प्रचार वह पहला वीडियो हुआ, जिसके लगभग एक मिलियन व्यूज हुए। इस प्रचार में रोनाल्डिन्हो ने काम किया था।
इस साल नवम्बर के महीने में सेक्विया कैपिटल द्वारा 3.5 मिलियन डॉलर यूट्यूब पर लगाए। इस दौरान यूट्यूब की पकड़ और भी मजबूत हो गयी । इस दौरान यूट्यूब पर एक दिन में लगभग आठ मिलियन व्यूज आने लग पड़े थे। इस दौरान वेबसाइट ने बहुत तेजी से विकास किया।
जुलाई 2006 में कंपनी ने यह बताया कि इस वेबसाइट पर हर रोज़ लगभग 65,000 नये वीडियोस अपलोड हो रहे है। इसके बाद रोज़ यूट्यूब के वीडियो को लगभग 100 मिलियन व्यूज मिलने लगे ।
2014 में कंपनी द्वारा ये घोषणा की हगई कि इस वेबसाइट पर प्रति मिनट लगभग 300 घंटे के वीडियो अपलोड किये जा रहे हैं, ये आंकड़ा एक साल पहले के आंकड़े के तीन गुणा चुका था।
आश्चर्य की बात ये थी कि एक तिहाई हिस्सा इसका अमेरीका के बाहर से यूट्यूब के लिए आता है। प्रत्येक महीने इस वेबसाइट को लगभग 800 मिलियन दर्शक मिलते हैं। दिसम्बर 2016 तक के अनुसार यूट्यूब विश्व का दूसरा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला वेबसाइट और विश्व का नंबर एक का वीडियो वेबसाइट है।
यूट्यूब के कुछ आवश्यक विशेषताएँ (Youtube Features)
प्लेबैक
शुरूआत के समय यूट्यूब के वीडियो चलाने के लिए एडोब फ़्लैश प्लेयर प्लग-इन का इस्तेमाल किया जाता था। जनवरी 2010 में यूट्यूब का एक प्रयोगात्मक वर्जन आया, जिसको चलाने के लिए किसी अलग सॉफ्टवेयर की ज़रुरत नहीं पड़ती थी। इस वर्जन से यूट्यूब का इस्तेमाल बहुत आसान हो गया था। इसके बाद यूट्यूब को कई ब्राउज़र में चलाना आसान हो गया।
अपलोडिंग
यूट्यूब प्रयोगकर्ता शुरू के समय में पंद्रह मिनट की वीडियो अपलोड कर सकता था। इसके बाद उनकी वीडियो की क्वालिटी और लोगों की प्रतिक्रिया को देखते हुए उन्हें अधिकतम बारह घंटे तक की वीडियो अपलोड करने की इजाज़त दी। शुरूआत में ऐसी कोई सीमा नहीं थी, पर कालांतर में देखा गया कि लोग कई बिना मतलब के वीडियो और लम्बे-लम्बे टीवी शोज अपलोड करने लग पड़े हैं।
इसे देखते हुए मार्च 2006 में इसकी समय सीमा दस मिनट कर दी और सन 2010 में ये समय सीमा फिर बढ़ा कर पंद्रह मिनट की कर दी गयी थी। आधुनिक समय में 20 GB या उससे अधिक के वीडियो भेजे जा सकते हैं।
क्वालिटी और वीडियो फॉर्मेट
यूट्यूब तरह तरह के वीडियो फॉर्मेट को सपोर्ट करता है। इनमे AVI, MP4, MPEG-PS, FLV आदि हैं। यूट्यूब प्रारंभिक दौर में 320 बाई 240 पिक्सेल के रिसलूशन में मोनो MP3 फॉर्मेट के साथ वीडियो प्रस्तुत करता था। सन 2007 में मोबाइल में चलाने के लिए यूट्यूब ने 3GP फॉर्मेट के वीडियो भी उपलब्ध कर दिए गए थे।
2008 में एक हाई क्वालिटी मोड डाला, जो 480 बाई 360 पिक्सेल के रिसोलयुशन के साथ वीडियो प्रस्तुत करता था। नवम्बर 2008 में 720p एच् डी सपोर्ट इसमें ऐड किया गया। इस तरह यूट्यूब के वीडियो का डाईमेंशन 4:3 से 16:9 का हो गया और चौड़े स्क्रीन में भी बहुत अच्छे से चलता रहा इन सबके अलावा थ्री डी वीडियो, 360 डिग्री वीडियो भी यूट्यूब पर मौजूद हैं।
यूट्यूब से पैसे कमाने का तरीका (How to Earn Money From Youtube in hindi)
यूट्यूब कमाने का एक बहुत ही बेहतर और आसान जरिया बन चूका है। इसमें कई ऐसे सब्सक्राइबिंग प्लान हैं, जिसके ज़रिये यूट्यूब बहुत से वीडियो प्रचारों को अपने आप ही एक अच्छे चैनल से जोड देता है, जिसका फायदा चैनल के मालिक को होता है। यूट्यूब से पैसा कमाने का तरीक़ा आइये जाने –
सबसे पहले यूट्यूब में लॉग इन करके एक चैनल बनाना है। ये चैनल्स व्यक्तिगत होते हैं, जिसे किसी और द्वारा नहीं चलाया जा सकता। एक यूट्यूब अकाउंट के साथ एक से ज्यादा चैनल को बनाया जा सकता है। यूट्यूब अकाउंट एक गूगल अकाउंट की तरह ही है।
यूट्यूब अकाउंट को गूगल के अन्य जगह से कनेक्ट किया जा सकता है। जैसे कि गूगल ड्राइव या जी मेल। इस चैनल को एक बहुत ही रोचक टाइटल दिया जा सकता है, जिसके नाम से आम लोग चैनल को बहुत आसानी से ढूंढ सकते है। चैनल का नाम वीडियो के कंटेंट से सम्बंधित होना अच्छा होता है।
जो हम यूज़रनेम इस्तेमाल करते है बहुत प्रभावित करता है। नाम छोटा हो और असरदार होने पर लोग इसको आसानी से याद रख सकते हैं। अन्य लोगों से इसका ज़िक्र भी कर सकते हैं जिससे आपके चैनल का बेहतर प्रचार हो पायेगा।
अगर पसंद न आए तो बाद में यूज़र नेम को आसानी से बदला भी जा सकता है। अपलोड करने वाले यूजर को ये बात ध्यान में रखना होती है कि अपलोड की गयी चीज़ अच्छी क्वालिटी की हो, और अधिक लम्बी न हो। शुरू में वीडियो कैसी भी हो, कोशिश ये करनी चाहिए कि हर अगला वीडियो पिछले वाले वीडियो से अच्छा होना। अपनी वीडियो क्वालिटी को कई तरह से बेहतरीन बनाया जा सकता है। एक बहुत अच्छा कैमरा, उम्दा वीडियो संपादन, लाइटिंग आदि का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी होता है।
लगातार वीडियो अपलोड करते रहने से बहुत अच्छे संख्या में दर्शक जुट जाते हैं, जिस वजह से कमाई का जरिया और बेहतर हो जाता है।
जितने अधिक दर्शक होंगे कमाई उतनी अच्छी बढ़ेगी, इसलिए यूट्यूब का लिंक अपने फेसबुक, ट्वीटर तथा अन्य सोशल साइट्स के ज़रिये अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की कोशिश होनी चाहिए। दर्शकों के द्वारा की गयी टिप्पणियों पर अपना प्रतिउत्तर देते रहना चाहिए जिससे दर्शक बने रहते हैं।
उनके सवालों, उनके विचारों और सुझाओं पर अमल करने से यूजर को बहुत फायदा हो सकता है। यूट्यूब पर पैसा कमाने का सबसे मुख्य जरिया ये है कि यूट्यूब को अपने वीडियो पर ऐड डालने की अनुमति दी जाए तो ही ज्यादा फायदा होता है। किसी वीडियो को अपलोड करने के बाद “मोनेटाईजिंग टैब” पर क्लिक करने से यूट्यूब को इसकी अनुमति मिल जाती है।
इसी बॉक्स में उन सभी वीडियो के आगे दिए गए ‘$’ चिन्ह का अर्थ होता है की आपका वीडियो ‘मोनेटाईज़ड’ हो गया है। उस पर लगातार एड आने लगते हैं और दर्शकों की संख्या में वृद्धि होने के साथ साथ पैसा भी बढ़ता है।
इसके साथ ‘Google Adsense ‘ वेबसाइट पर अकाउंट बनाना होता है। ये अकाउंट मुफ्त में ही बनाना होता है। यहाँ यूट्यूब द्वारा मांगी गई जानकारियों को देना होता है। यहाँ पर या तो एक ‘Paypal ‘ अकाउंट या एक अन्य बैंक अकाउंट की ज़रुरत पड़ती है.
इसके साथ सब्सक्राइब करने वाले को अपना सही पता देना होता है। इन जानकरियों की सहायता से एडसीन ये पता करता है कि आप कौन हो और एडसीन किसको पैसे भेजेगा। दर्शकों द्वारा किये गये प्रति एड क्लिक पर बहुत कम पैसे व्यूज पर मिलते हैं। यही कारण है कि यूट्यूब पर पैसे कमाने के लिए दर्शकों की संख्या अधिक से अधिक होनी चाहिए।
वीडियो बनाने के लिए यदि मुमकिन हो तो एक टीम बना कर काम बाँट कर लेना चाहिए। इससे काम बहुत आसानी से बिना किसी टेंशन के साथ किया जाता है।
समय-समय पर विश्लेषण की जांच करते रहना ज़रूरी होता है। यदि ऐसा लगे कि कंटेंट काम नहीं कर रहा है या चैनल मशहूर नहीं हो पा रहा है।समय के साथ वीडियो का कंटेंट बदलना ज़रूरी होता है। यूट्यूब पर शुरू होने के बाद कई और भी जगहों पर अपने वीडियो की मार्केटिंग करनी चाहिए ।
इसके लिए वेबसाइट या ब्लॉग बना लेना चाहिए। वैसे तो और भी बहुत से सोशल साइट्स हैं जिनपर अपने वीडियोज शेयर किये जा सकते हैं। इन सब के साथ यूट्यूब में मेम्बरशिप भी ले सकते है। पार्टनर होने के कई फायदे होते हैं – जैसे एक यूट्यूब पार्टनर को यूट्यूब की तरफ से कंटेंट बनाने में मदद मिलती हैं, साथ ही साथ पार्टनर होने पर बहुत से पुरस्कार भी जीत सकते हैं।
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