भजन – साधु साध्वी चल रहे है विहार यात्रा में रोड पर
तर्ज – लेने आजा खाटु वाले
साधु साध्वी चल रहे है,
विहार यात्रा में रोड पर,
आओ हम भी संग चले,
करे सुरक्षा हर मोड़ पर ।।
जिनशासान की बगियाँ के,
खिलते हुए ये फूल है.
उपकारी है संघ समाज के,
इनको भूलना भूल है,
इनकी रक्षा करने निकले,
घर को छोड़ हम रोड पर,
आओ हम भी संग चले,
करे सुरक्षा हर मोड़ पर।।
विहार यात्रा सुगम हो इनकी,
हो ना कोई दुर्घटना,
जब तक न उपाश्रय पहुँचे,
साया बनके है चलना,
आप सभी से कहता है ‘दिलवर’,
दोनो हाथ ये जोड़कर,
आओ हम भी संग चले,
करे सुरक्षा हर मोड़ पर ।।
साधु साध्वी चल रहे है,
विहार यात्रा में रोड पर,
आओ हम भी संग चले,
करे सुरक्षा हर मोड़ पर ।।