साइबर क्राइम क्या है ? कौन से विभिन्न प्रकार के कार्य साइबर क्राइम के अन्तर्गत आते हैं। आइए जाने –
साइबर क्राइम क्या है ?
साइबर क्राइम यह ऐसा कार्य है जो गैर कानूनी है तथा जिसमें सूचना तकनीक या कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है।
आधुनिक युग में बहुत से गैरकानूनी काम या अपराध करने के लिए कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है, जैसे चोरी, धोखाधड़ी, जालसाजी, शरारत आदि। सूचना तकनीकी प्रगति ने आपराधिक गतिविधियों के लिए नई सम्भावनाएँ भी बनाईं हैं। इन प्रकार के अपराधों से निपटने के लिए साइबर लॉ बनाया गया है। साइबर क्राइम को दो तरीकों में बाँटा जा सकता है।
Hacking,Spamming,Data Leak,Child Ponography,financial Fraud आदि साइबर क्राइम में ही आते है।
साइबर क्राइम के प्रकार
किसी कम्प्यूटर को निशाना बनाना-
- इस प्रकार में किसी कम्प्यूटर या कम्प्यूटर नेटवर्क को अवैध तरीके से अपना कब्जा करना।
- किसी वेबसाइट के घटक बदलना।
- किसी कम्प्यूटर पर वायरस डालना और भेजना आदि शामिल हैं।
कम्प्यूटर का प्रयोग कर अपराध करना-
- इस प्रकार के अपराधों में व्यक्ति या संस्था को कम्प्यूटर का प्रयोग कर नुकसान पहुँचाया जाता है।
- इस प्रकार में किसी अनैतिक जानकारियों को लोगों तक पहुँचाना भी शामिल है।
- साइबर आतंकवाद बैंक अकाउंट से धोखाधड़ी ।
- अश्लीलता आदि इस प्रकार के अपराधों में आते हैं।
भिन्न प्रकार के कार्य साइबर क्राइम के अन्तर्गत आते हैं-
- Unauthorized access and hacking
- Data theft (डाटा चोरी करना)
- Identity theft (पहचान चुराना)
- Spreading virus or worms (कम्प्यूटर वायरस को फैलाना)
- Trojan attack
Unauthorized access and hacking :
किसी भी कम्प्यूटर या कम्प्यूटर नेटवर्क में बिना अनुमति के प्रवेश करने को Unauthorized access यह hacking कहा जाता है। अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा कम्प्यूटर नेटवर्क में किया गया कोई भी कार्य इस अपराध की श्रेणी में आता है। जो व्यक्ति किसी नेटवर्क में अनाधिकृत तरीके से प्रवेश करता है उसे हैकर कहा जाता है। हैकर ऐसे प्रोग्राम बनाते हैं जो वांछित नेटवर्क पर आक्रमण कर सकें। इस प्रकार के कार्य साधारणतः वित्तीय अपराधों में बहुता होते हैं। जैसे-
- किसी बैंक के नेटवर्क में अमान्य तरीके से प्रवेश कर उनके खाताधारकों के अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसों का स्थानांतरित करना ।
- किसी व्यक्ति के क्रेडिट कार्ड की जानकारी चोरी करके उसका गलत तरीक़े से उपयोग करना आदि।
- किसी वेबसाइट के घटक अमान्य तरीके से बदलने की प्रक्रिया को Web Hacking कहा जाता है।
- भारत देश में हैकिंग की प्रक्रिया को गैरकानूनी और अवैध माना जाता है तथा इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2008 के अन्तर्गत 3 साल तक सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है।
Data Theft (डाटा चोरी करना) :
किसी संस्था या व्यक्ति या कम्प्यूटर नेटवर्क में अधिकृत व्यक्ति की अनुमति लिए बिना उसके कम्प्यूटर के डाटा को कॉपी करना व उसे शेयर करना डाटा चोरी के अपराध की श्रेणी में आता है। किसी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति या संस्था की अनुमति के बिना डाटा कॉपी करना गैरकानूनी माना जाता है।
वर्तमान में बहुत से छोटे स्टोरेज डिवाइस जैसे पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड आसानी से उपलब्ध हैं, इन डिवाइस की सहायता से डाटा चुराना बहुत आसान हो गया है। इसमें आईटी एक्ट 2008 के अन्तर्गत सजा का प्रावधान है।
Spreading Virus or worms (कम्प्यूटर वायरस को फैलाना) :
जो प्रोग्राम किसी कम्प्यूटर या कम्प्यूटर नेटवर्क की अनुमति के बिना कम्प्यूटर में प्रवेश कर लेते हैं उन्हें कम्प्यूटर वायरस की श्रेणी में डाला जाता है। साधारणतः वायरस या वोर्म (Worm) प्रोग्राम का काम किसी अन्य के कम्प्यूटर के डाटा को खराब करना है।
इसीलिए कोई व्यक्ति या संस्था किसी ऐसे प्रोग्राम को अनावश्यक रूप से फैलाते हैं तो उन्हें इस अपराध की श्रेणी में रखा जाता है। बहुत से बड़े नेटवर्क को यदि वायरस प्रभावित करे तब बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।
उदाहरण के लिए किसी विमान सेवा के कम्प्यूटर में वायरस ने डाटा को बदल दिया है तब कोई प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। यद्यपि सभी बड़े कम्प्यूटर नेटवर्क में वायरस से कम्प्यूटर को बचाने की प्रणाली होती है। भारतीय आईटी एक्ट 2008 के सेक्शन 43 (C) एवं 43 (E) के अन्तर्गत वायरस फैलाने के कार्य के लिए सजा का प्रावधान है।
Identity Theft (पहचान चुराना) :
- किसी दूसरे व्यक्ति की पहचान को चोरी करके कम्प्यूटर नेटवर्क पर कार्य करना इसी अपराध की श्रेणी का हिस्सा है।
- कम्प्यूटर नेटवर्क पर स्वयं की पहचान बचा कर स्वयं को दूसरे के नाम से प्रस्तुत करना, उसके नाम पर कोई घपला करना, बेवकूफ बनाना आईटी एक्ट के अन्तर्गत अपराध है।
- इसके अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति के पासवर्ड का प्रयोग करना ।
- डिजिटल सिग्नेचर की नकल करना भी इस अपराध की श्रेणी में आते हैं।
- किसी अन्य व्यक्ति के नाम का प्रयोग कर लाभ लेकर धोखाधड़ी करना भी इसी प्रकार के अपराध हैं।
जिस व्यक्ति की पहचान चुराने से उससे अनावश्यक रूप से कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ता है इससे बहुत बड़ा नुकसान भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, आपके बैंक अकाउण्ट को कोई अन्य व्यक्ति आपकी पहचान चुराकर प्रयोग कर रहा है।
आपकी पहचान चुरा कर दूसरी जगह धोखाधड़ी के लिए प्रयोग कर रहा है, इसलिए कम्प्यूटर नेटवर्क पर अपने पासवर्ड व्यक्तिगत जानकारियाँ सार्वजनिक न करें। आईटी एक्ट 2008 सेक्शन 66 सी के अन्तर्गत सजा का प्रावधान है।
Trojan Attack :
Trojan उस प्रोग्राम को कहा जाता है जो दिखते तो उपयोगी हैं, लेकिन उनका कार्य कम्प्यूटर, कम्प्यूटर नेटवर्क को नुकसान पहुँचाना होता है।
साइबर क्राइम के कुछ अन्य उदाहरण हैं-
- नेटवर्क का अमान्य तरीके से प्रयोग करना ।
- कम्प्यूटर और नेटवर्क का प्रयोग कर व्यक्तिगत (Private) तथा गुप्त (Confidential) सूचना प्राप्त करना भी साइबरक्राइम के अंतर्गत आता है ।
- नेटवर्क तथा सूचना को नुकसान पहुँचाना। बड़ी संख्या में ई-मेल भेजना (E-mail Bombing)
- वायरस द्वारा कम्प्यूटर तथा डाटा को नुकसान पहुँचाना।
- इण्टरनेट का उपयोग कर आर्थिक अपराध (Financial Fraud)करना ।
- इण्टरनेट पर गैरकानूनी तथा असामाजिक तथ्यों तथा चित्रों को प्रदर्शित करना।
साइबर अपराध से बचने के उपाय-
- Login ID तथा पासवर्ड सुरक्षित रखना तथा समय-समय पर इसे परिवर्तित करते रहना ।
- Antivirus सॉफ्टवेयर का प्रयोग करना ।
- Fire wall का प्रयोग करना।
- Data की Back-Up Copy रखना ।
- Proxy Server का प्रयोग करना।
- Data को गुप्त कोड (Encrypted Form ) में बदलकर भेजना व प्राप्त करना ।
- अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
- HTTPS पर ध्यान दे यदि वेबसाइट के लिंक पर HTTPS की बजाय HTTP है तो ऐसी वेबसाइट पर हमें नहीं जाना चाहिए।
- Third Party Apps , Software को इनस्टॉल न करें।
- Personal detail को पब्लिक न करें।
- ऑनलाइन scheme और और Lottery पर भरोसा ना करें।
- Public wifi का उपयोग करें।
- अपने browser को update रखें।
साइबर क्राइम का complaint कैसे करें ?
यदि आपके साथ ऑनलाइन किसी भी तरह का fraud हुआ है जैसे आपके बैंक अकाउंट से किसी ने पैसे निकालें हो ,या आपकी पर्सनल फोटोज का गलत उपयोग किया हो ,किसी ने आपकी fake प्रोफाइल बनाई हो आदि।
ऐसे case में यदि आप साइबर क्राइम को complaint करना चाहते हो आप इसकी मुख्य website https://cybercrime.gov.in/ में जा सकते है।
यदि आपको उसी समय complaint करनी है तो 1930 नंबर पर कॉल क्र सकते है।