सफलता पर कविता
श्रम है सफलता का राज,
सुधरते इससे कई काज ।
सफलता जो तुम पाना चाहो,
आगे-आगे कदम बढ़ाओ ।
जीवन में है सरसता आती, रे,
बने जब सफलता साथी ।
सफलता बनती एक इतिहास,
होता इससे जीवन विकास ।
सफलता कुंजी जिसके पास,
होता नहीं वह कभी हताश ।
विकास-पहिया जब-जब घूमे,
सफलता उसके पांव चूमे।
सफलता है गौरव-प्रतीक, रे,
बात यह तुम समझो ठीक।
सफल व्यक्ति आदर पाता,
बड़प्पन उसका है बढ़ जाता ।
श्रम पसीना जो बहाता,
अधिकारी इसका वह तुरंत ही बन जाता।
कहे ‘प्रसाद’ सफलता पाओ,
जग में अपनी साख बढ़ाओ ।
– रामप्रसाद शर्मा’ प्रसाद’