श्री परमहंस दयाल जी के वचन-जहाँ सज़ा में भी स्वर्ग मिलता है

सज़ा में भी स्वर्ग

सज़ा में भी स्वर्ग

श्री परमहंस दयाल जी के वचन

मेरे श्री परम गुरुदेव ने एक बार श्रीरामनवमी के अवसर पर कहा था कि ‘यह उन परमहंस महाराज का दरबार है जहाँ सज़ा में भी स्वर्ग मिलता है, फिर पुरस्कार का तो कहना ही क्या! इस दरबार के कुत्ते को भी राजा बनते देखा गया है।

श्री अद्वैत स्वरूप आश्रम, रजौरी गार्डेन, दिल्ली में आयोजित एक संत-सम्मेलन में किसी मुसलमान फकीर ने जोश में भरकर कहा था कि ‘मुझे यदि यम के दूत मिलेंगे तो उनसे कह दूँगा कि तुम परमहंस अद्वैतानंद के नामलेवा मुरीदों को हाथ भी मत लगाना, वरना खतरे में पड़ोगे।

‘ काबाशरीफ के गौस-उल-आज़म ने पाकिस्तान के मुसलमानों को कहा था कि ‘परमहंस अद्वैतानंद हिन्दुस्तान की धरती पर वर्तमान समय में एकमात्र शाहे-विलायत है। वे कौमियत के भेद-भाव से ऊपर उठे हुए कामिल फ़कीर है, तुम उनसे दुआ ‘लो।’

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