भजन :- मै तुझ को रिझाँलूगा.. ..पूजा का शुभ दिन है।
तर्ज : तुझे गीतो में ढालूँगा सावन को आने दो
टेक : मै तुझ को रिझाँलूगा.. ..पूजा का शुभ दिन है।
1. कैसी है शान निराली, महक रही है हरियाली । रौशन है दिल की राहें., बरस रही है गुलाली ।। दिल में बसा लूगा तेरे सुन्दर वचनों को, जीवन में ढालूँगा। पूजा का शुभ दिन है..
2. दर्शन मंगलकारी, तू देवता मैं पुजारी। धरती गगन ने मिलकर, आरती तेरी है उतारी ।। दिल जग से हटालूँगा तेरी पदरज लेकर के, नस नस मे रसा लूगा। पूजा का शुभ दिन है..
3. हृदय अलौकिक न्यारा, आनन्दसर की धारा । देवों के वासते भी दुर्लभ, मनहर ऐसा नजारा ।। तेरी महिमा गालूँगा अश्नान ध्यान करके, श्री मन्दिर जाऊँगा । पूजा का शुभ दिन है…………..
4. श्री आनन्द शान्ति भवन, शोभा है निराली । यहाँ सज़दा किया जिसने, उसने मुरादे पा ली ।। मैं शीश झुकाँऊगा, समाधि के दर्शन से, भाग्यों को जगालूँगा । पूजा का शुभ दिन है..
5. श्री आनन्द शान्ति धाम, दर्शन मंगलकारी । स्वर्गो तक की सृष्टि, गुरु कृपा ने तारी ॥ हृदय महका लूँगा, श्री शान्ति भवन आकर, मै ध्यान लगा लूगा। पूजा का शुभ दिन है….
6. आनन्दपुर में रंग बरसे, संगत का मन चित्त हर्षे । फिर भी चातिक की न्याई, यह मेरा मन क्यों तरसे ।। आरती उताँरुगा, इस मनके दर्पण में, सदगुरु को बसा लूँगा ।। पूजा का शुभ दिन है…
मैं हूँ सेवक तेरा तू है दाता मेरा – ssdn bhajan