भजन -: मैं हूँ सेवक तेरा तू है दाता मेरा
तर्ज : मैं तेरे इश्क में मर न जाऊ कहीं तू मुझे भूल जाने की कोशिश न कर
टेक : मैं हूँ सेवक तेरा तू है दाता मेरा
मेरी बिगड़ी बना दे मेरे शहनशाह
तेरी नज़रे करम का तलबगार हूँ
अपना जलवा दिखादें मेरे शहनशाह
1. रात अन्धेरी और तूफान है बड़ी मुश्किल में आज मेरी जान है
भरोसा अगर तो तेरे नाम का
मुझ पे एहसान कर दे खवैया मेरे
पार नैया लगा दे मेरे शहनशाह
2. मुझ को चाहत नहीं है धन मान की
न जरुरत है दोनो जहान की
जुस्तजू है अगर वस है दीदार की
जगमगाए मेरा दिल तेरे नूर से,
ऐसी शम्मां जलादे मेरे शहनशाह
3. सोईं रुहें जगाना तेरा काम है,
सारे जग से निराला तेरा धाम है
तेरा आना मुबारिक है संसार में
डालकर मुझपे अपनी निगाहें करम,
सोई किस्मत जगादे मेरे शहनशाह
4. रहमतों का तू दातार वाली,
तेरे दर का मैं अदना सवाली
रहम कर झोली भर दे मेरी ,
देवता जन्म जन्मों से है रुह प्यासी मेरी
जामें उल्फत पिला दे मेरे शहनशाह…
तू तो सन्तों का सन्त अवतार है ,
तेरी बख्शिश का बस इन्तजार है।
तन बदन, हो मग्न, रात दिन हो लग्न,
होश दुनिया की, कुछ भी न बाकी रहे ,
ऐसी मस्ती जगादे मेरे शहनशाह …
मैं हूँ सेवक तेरा तू है दाता मेरा
मेरी बिगड़ी बना दे मेरे शहनशाह
जो राम नाम गुण गाता है जीवन में बड़ा सुख पाता है