मैं नहीं मेरा यह तन है प्रभु का दिया हुआ

मैं नहीं मेरा यह तन है प्रभु का दिया हुआ

मैं नहीं मेरा यह तन,
है प्रभु का दिया हुआ
जो कुछ भी मेरे पास है,
यह धन उसका दिया हुआ।

देने वाले ने है दिया
और दिया इन शान से,
मेरा है मन लेने कह उठा अभिमान से,
मैं और मेरा कहने वाला मन है
किसी का दिया हुआ,
मैं नहीं…..

जो भी मेरे पास है,
वह भी तो रह सकता नहीं,
कब यह बिछुड़ जाए,
यह जन कह सकता नहीं,
जिन्दगी का मधुवन खिला है
यह भी किसी का दिया हुआ
मैं नहीं…..

जग की सेवा खोज
अपनी प्रेम प्रभु से कीजिए,
जिन्दगी का यही राज है
जान कर लीजिए,
साधना की राह में साधन है
किसी का दिया हुआ,
मैं नहीं…..


कोई उज्जवल कर्मा वाले सत्गुरु दे वेहड़े बड़दे नेजिस तरह से हो सके उस प्यारे रब्ब को याद कर
नी मैनू सत्गुरु ने अपना लिया मैनू गुरु ने चरणी ला लियाकेहड़े वेले दर ते आवां दातिये केहड़े वेले दर ते आवां
मेरी मैया दे पुजारिया लंघ लैन दे लिरिक्सजीवन खत्म हुआ तो जीने का ख्याल आया

Leave a Comment