रूहानी टप्पे – मेरे सतगुरु आ जाओ
मेरे सतगुरु आ जाओ-२,
अँखियाँ तरस रहियाँ,आकें दर्श दिखा जाओ-२,
सत्संग विच आ जाओ-२,
भुलें होये लोंकां नूँ,सच्चा रस्ता दिखा जाओ-२,
मंगा प्रेम दी भक्ति ऐ-२,
मेरे साहिब दी ‘वाणीं’ अमृत लगदी ऐ-२,
दाता ठण्डी-ठण्डी छाँ देना-२,
मेरे साहिब जी,मैनूँ चरणाँ च थाँह देना-२,
असीं उड्-उड् काँ देखें-२,
दर्शन कर गुरां दें,सब दुख मिट जान्दें नें-२,
रोम-रोम विच समाये होये हो-२,
अज मेरे साहिब जी,सत्संग विच आये होये नें-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
🌹श्री सतगुरु देवाय नमः🌹
🌹सभी प्यारें गुरुमुखों को🌹
🌹सप्रेम जय गुरां दी जय सचिदानंद जी🌹