
मीरा ने श्याम पाया घनश्याम रटते-रटते
मीरा ने श्याम पाया, घनश्याम रटते-रटते, 
दीवानी हो गई थी, मस्तानी हो गई थी
 हरिनाम रटते-रटते।………..
1.राणा ने भेजी मीरा को नाग की पिटारी, 
जब खोल के मीरा देखा, बैठे हो कृष्ण मुरारी
 मुरली बजा रहे हो घनश्याम हँसते हँसते ।
 मीरा ने श्याम पाया…….. 
2.नीची जाति की शबरी बन में थी रहती, 
उस पर कृपा हुई तो अजीब झांकी देखी,
 बेरों को खाने आए श्री राम हँसते हँसते । 
मीरा ने श्याम पाया…….।
3.गणिका जो वैश्या थी विषयों में मस्त हर दम,
 पंछी की वाणी से चौंक उठी यकदम, 
तोते के संग तर गई सीया राम जपते जपते । 
मीरा ने श्याम पाया…….।